कौन आएगा उपाध्याय की जगह, खंगाला जा रहा पुलिस एक्ट

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रायपुर।

लोक सुराज अभियान की समाप्ति के बाद छत्तीसगढ़ को संभवत: नया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मिल जाएगा. अब सवाल इस बात का है कि कौन छत्तीसगढ़ का डीजीपी बनेगा. इसके लिए तैयारी शुरु हो गई है और पुलिस एक्ट खंगाला जा रहा है.

दरअसल, सरकार की मंशा एएन उपाध्याय को डीजीपी बनाए रखने की नहीं रह गई है. उपाध्याय का पुलिस के भीतर और बाहर किसी भी तरह का नियंंत्रण नहीं रह गया है. एसआरपी कल्लूरी से जुड़ा हुआ विवाद इसकी पुष्टि करता है. बताया जाता है कि सरकार के मुखिया ने तो एक मर्तबा उपाध्याय को देखते हुए टिप्पणी कर दी थी कि ‘विभाग में आपकी कोई पकड़ नहीं रह गई है क्या?’… तब से उपाध्याय की उल्टी गिनती चालू है.

नायक दौड़ में आगे, लेकिन कुछ भी हो सकता है
बताया जाता है कि गिरधारी नायक वरिष्ठता सूची में सबसे आगे हैं. 11 जून 1959 को जन्में नायक ने 15 दिसंबर 1983 को पुलिस फोर्स ज्वाईन की थी. 28 जून 2013 से नायक डीजी होम गार्ड हैं. वह पहले भी डीजीपी बन सकते थे लेकिन सरकार ने उस समय उपाध्याय पर भरोसा जताया था.

इसके बाद वरिष्ठता क्रम में वजीर अंसारी का नाम आता है. एक जनवरी 1958 को जन्में अंसारी ने 12 जुलाई 1985 को पुलिस में सेवा शुरु की थी. वर्तमान में अंसारी अभियोजन शाखा में निदेशक पद का दायित्व 2 अगस्त 2014 से संभाल रहे हैं.

तीसरे क्रम पर रहे उपाध्याय वर्तमान में डीजीपी हैं इसलिए उनका नाम छोड़ देते हैं. वरिष्ठता सूची में चौथे क्रम पर डीएम अवस्थी और इसके बाद बीके सिंह का नाम आता है. 1963 की पहली अप्रैल को जन्में अवस्थी ने 25 अगस्त 1986 को पुलिस ज्वाईन की थी. स्पेशल डीजी (नक्सल) संभाल रहे अवस्थी को यह प्रभार 27 जनवरी 2016 को मिला था. एक दिसंबर 1959 को जन्में बीके सिंह ने 28 अगस्त 1987 को पुलिस सर्विस ज्वाईन की थी. वह लगातार राज्य के बाहर रहे हैं.

क्या कहता है पुलिस एक्ट
सूत्र बताते हैं कि इस बार जो भी पदस्थापना होगी वह विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर की जाएगी. छत्तीसगढ़ में अगले ही वर्ष सरकार को विधानसभा चुनाव का सामना करना है. संभवत: इसके मद्देनजर सरकार फूंक-फूंक कर कदम भी उठा रही है. सूत्र बताते हैं कि इसी के लिए पुलिस अधिनियम खंगाला जा रहा है.

सूत्रों के मुताबिक पुलिस एक्ट में उल्लेखित है कि पुलिस अधिकारी के एक पद के हिसाब से दो अथवा तीन गुना में से जो भी कम हो वह शामिल किया जा सकता है. हालांकि बताया जाता है कि एक्ट में यह भी उल्लेखित है कि सरकार चाहे तो इसमें परिवर्तन कर सकती है. यदि परिवर्तन होता है तो ही अवस्थी व सिंह का नाम शामिल होगा नहीं तो नायक व अंसारी के साथ उपाध्याय का ही नाम सामने आएगा. अब चूंकि उपाध्याय डीजीपी हैं इसलिए नायक व अंसारी पुलिस एक्ट के हिसाब से डीजीपी बनने की पात्रता रखते हैं.

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