संगठन हुआ कमजोर, भागने लगे नक्सली

शेयर करें...

सुधीर जैन

जगदलपुर.

छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास एवं आत्म समर्पण नीति से प्रभावित, पुलिस द्वारा चलाये गये नक्सल विरोधी अभियान से दबाव में आकर, समाज की मुख्य धारा में शामिल होने की इच्छा, आंध्रप्रदेश के बड़े नक्सली लीडरों की प्रताडऩा एवं भेदभाव से प्रताडि़त होकर 8 लाख के ईनामी हार्डकोर नक्सली मडक़म अर्जुन ने आज सुकमा पुलिस के समक्ष बगैर हथियार आत्मसमर्पण कर दिया।

बस्तर आईजी विवेकानंद सिंहा एवं सुकमा एसपी जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सली मडक़म अर्जुन संगठन में शामिल होने के बाद लगातार संगठन को मजबूत करने का प्रयास करता रहा।

इसी के फलस्वरूप संगठन में अर्जुन को उच्चस्तर पर पदस्थ कर दायित्व सौंपा गया था। अर्जुन को अपने स्वयं द्वारा लिखे गीतों, नाटकों व भाषणों के माध्यम से संगठन व अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों को जोडक़र रखने में महारत हासिल है।

अर्जुन द्वारा संगठन में रहते हुए बड़ी संख्या में कैडरों को रिकरूटमेंट किया गया था, जो कि अभी भी एरिया व डिवीजन स्तर पर कार्यरत हैं।

अर्जुन को वर्तमान केरलापाल एरिया कमेटी इंचार्ज मंदना उर्फ जग्गू द्वारा साल 1998 में बाल संगठन सदस्य के रूप में भरती किया गया था।

इसके पश्चात साल 2001 में प्रतिबंधित माओवादी संगठन में स्थायी सदस्य बनाकर क्रमश: बासागुड़ा एरिया कमेटी में फरवरी 2003 तक सीएनएस सदस्य रहा।

2003 से नवंबर 2003 तक डिवीजन सीएनएम सदस्य, दिसंबर 2003 से जुलाई 2004 तक एसजेडसी लेंगू का गनमैन, अगस्त 2004 से जुलाई 2007 तक पामेड़ एरिया कमेटी में सीएनएम अध्यक्ष रहा चुका था।

अगस्त 2007 से जून 2011 तक डीकेसीएनएम कमांडर, 2011 से वर्तमान तक डीव्हीसी के पद पर डिवीजन सीएनएम इंचार्ज के साथ-साथ साल 2013 से 2016 तक कोंटा एरिया कमेटी इंचार्ज का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था।

प्रमुख बड़ी नक्सली घटनाएं

साल 2010 में झाराघाटी-नारायणपुर एंबुश की घटना, 5 जवान शहीद।

साल 2014 कसालपाड़ मुठभेड़, 14 जवान शहीद।

साल 2015 जग्गावरम मुठभेड़, 1 नक्सली मृत।

साल 2017 कोत्ताचेरू मुठभेड़, 12 जवान शहीद

सहित अन्य विभिन्न घटनाओं में सम्मिलित रहा है। मडक़म अर्जुन के विरूद्ध जिले के विभिन्न थानों में दर्जनों अपराध दर्ज हैं।

न्यायालय द्वारा मडक़म अर्जुन की गिरफ्तारी हेतु अनेक प्रकरणोंं में स्थायी वारंट जारी किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सली ने पूछताछ में बताया गया कि साल 2016 से दक्षिण बस्तर डिवीजन में नक्सली संगठन अत्यंत कमजोर हो गया है।

फोर्स द्वारा नक्सलियों के लगातार आधार क्षेत्रों में चलाए जा रहे आपरेशन, बड़े कैडरों के सरेंडर, निचले स्तर में कार्यरत संगठन सदस्यों की गिरफ्तारी, समर्पण व अंदरूनी क्षेत्रों में विशेषकर क्रिस्टारम व भेज्जी मार्ग में कैम्प स्थापित होने से संगठन कुछ क्षेत्रों में सिमटकर रह गया है।

आगामी समय में कुछ नए कैम्पों के और खुल जाने से वर्तमान में कहीं दूसरे एरिया में जाने की स्थिति निर्मित हो गयी है। अर्जुन ने पूछताछ में यह भी बताया कि आंध्रप्रदेश, तेलंगाना के बड़े नक्सली लीडरों द्वारा ही नक्सल संगठन को चलाया जाता है।

बस्तर के स्थानीय नक्सली कैडरों से भेदभाव कर हमेशा दबाव बनाए रखते हैं तथा उन्हें अच्छा काम करने पर भी आगे बढऩे नहीं दिया जाता है। उन पर झूठा आरोप लगाकर पद से नीचे कर देते हैं।

हाल ही डिवीजन सचिव विकास द्वारा प्रेस नोट जारी करने के संबंध में पूछने पर अर्जुन ने बताया कि उच्च स्तर पर नक्सलियों द्वारा उसके ऊपर अनैतिक संबंध का इल्जाम लगाया गया है, जो कि सरासर गलत है। संगठन के कार्य से महिला सदस्य से केवल बात करने पर गलत सोच रखते हुए, जबरन आरोप लगाया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि समर्पित नक्सली मडक़म अर्जुन को छत्तीसगढ़ शासन की राहत एवं पुनर्वास योजना के तहत नियमानुसार सहायता प्रदान की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *