4 नए जिले और दो नए संभागों की सौगात दे सकती है सरकार

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रायपुर.

प्रदेश को 4 नए जिलों की सौगात मिल सकती है. इन जिलों की मांग लंबे समय से की जा रही थी. कांग्रेस सरकार इस पर निर्णय लेने की तैयारी करती नजर आ रही है. संभव है कि इसकी घोषणा गणतंत्र दिवस पर की जाए.

खबरें हैं कि राज्य में जिलों की संख्या में इजाफा किए जाने के आसार हैं. सरकार 4 नए जिले बनाने पर विचार कर रही है. इनमें राजनांदगांव से अलग कर मोहला मानपुर, कांकेर से अलग भानुप्रतापपुर, रायगढ़ से अलग सारंगढ़ और बिलासपुर से अलग कर पेंड्रा-मरवाही को जिला बनाए जाने की तैयारियों की जानकारी मिल रही है.

जिलों की तादाद बढ़ाने के साथ ही सरकार दो नए संभाग भी गठित कर सकती है. इनमें राजनांदगांव को शामिल किया जा सकता है जिसमें राजनांदगांव, कवर्धा और मोहला-मानपुर जिला शामिल किया जाएगा. ऐसा होने पर राजनांदगांव दुर्ग संभाग से अलग हो जाएगा.

वहीं दूसरे संभाग के तौर पर कांकेर का नाम सामने आ रहा है. इस संभाग में बालोद, कोंडागांव और भानुप्रतापपुर जिले को शामिल किया जा सकता है. वर्तमान में प्रदेश में 27 जिले और 5 संभाग है. अगर सरकार यह फैसला लेती है तो जिलों की संख्या 31 और संभागों की संख्या सात हो जाएगी.

कब-कब बने नए जिले

प्रदेश में नए जिले गठित करने का क्रम तब शुरु हुआ था जब छत्तीसगढ़ अविभाजित मध्यप्रदेश का हिस्सा था. 1998 में यहां नए आठ जिले दिग्विजय सिंह की सरकार के दौरान बने. इसके बाद जब वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया तो यहां 16 जिले थे.

इसके बाद पहली बार 11 मई 2007 को बस्तर संभाग में नारायणपुर और बीजापुर जिले बनाए गए. एक जनवरी 2012 को छत्तीसगढ़ सरकार ने बालोद, बेमेतरा, मुंगेली, बलौदाबाजार, गरियाबंद, कोंडागांव, सुकमा, बलरामपुर और सूरजपुर कुल 9 नए जिलों का गठन किया था.

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