अब रामभक्‍त हनुमान के नाम से योजना

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नेशल अलर्ट/www.nationalert.in
रायपुर। छत्‍तीसगढ़ शासन अब प्रभु श्रीराम के भगत श्री हनुमान के नाम से योजना चलाएगी। योजना का मुख्‍य उद्देश्‍य राज्य में कुश्ती को प्रोत्साहन देना होगा। नामकरण बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना के नाम से हुआ है।

उल्‍लेखनीय है कि तकरीबन 5 साल के अपने कार्यकाल में कांग्रेस की छत्‍तीसगढ़ सरकार ने प्रभु श्रीराम से जुड़ी कई प्रमुख योजनाएं प्रारंभ की थी। कांग्रेस को अभी तक उसके विरोधी राम विरोधी पार्टी बताते रहे हैं जबकि इन योजनाओं से विरोधी पार्टियों को बेचैन भी देखा जा रहा है। अब हनुमानजी का सहारा कांग्रेस लेने जा रही है।

छत्तीसगढ़ राज्य में अखाड़ों के संरक्षण और संवर्धन के साथ ही पहलवानों की प्रतिभाओं को निखारने के लिए आरंभ की जाएगी। इसके साथ ही राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय कुश्ती अकादमी खुलेगी जिसके माध्यम से इस क्षेत्र की प्रतिभाओं को तैयार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ये दो बड़ी घोषणाएं नागपंचमी पर्व के अवसर पर की।

इसके पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य में मल्लखांब जैसे पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए भी अकादमी की घोषणा कर चुके हैं। बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना के पीछे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का उद्देश्य छत्तीसगढ़ में कुश्ती जैसे पारंपरिक खेलों का सुंदर वातावरण पुनः तैयार करना है। साथ ही हमारे प्रदेश की कुश्ती की प्रतिभाओं को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाना है।

बजरंगबली प्रोत्साहन योजना के माध्यम से अखाड़ों का संरक्षण और संवर्धन भी हो सकेगा। जिन अखाड़ों में पहले पहलवानों की कुश्तियां दिखा करती थी जहां पहलवान अपने दांव पेंच दिखाया करते थे लेकिन अब वहां सूना पसरा रहता है। इस योजना के माध्यम से इन अखाड़ों को पुनर्जीवन मिल सकेगा और एक बार पुनः यहां पहलवानों के दांव पेच देखने मिलेंगे। प्रदेश के तथा देश के प्रतिभाशाली पहलवान यहां से भी तैयार हो सकेंगे।

शुरू होगी कुश्‍ती अकादमी
इसके साथ ही राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय कुश्ती अकादमी भी शुरू की जाएगी । इस आकदमी के माध्यम से कुश्ती की प्रतिभाओं को निखारने का प्रयास करेगी। भारत में तथा छत्तीसगढ़ में भी कुश्ती की बड़ी समृद्ध परंपरा रही है। धोबी पछाड़, धाक, झोली जैसे दांवपेच अखाड़ों से निकलकर हमारी जुबान में भी पहुंच गए हैं। इससे पता चलता है कि कुश्ती का खेल हमारी परंपरा का कितना गहरा हिस्सा रहा है इस परंपरा को पुनः सहेजने के लिए ये दो बड़ी घोषणा मुख्यमंत्री ने की है।

खास बात यह है कि यह घोषणा नाग पंचमी के मौके पर हुई है। नाग पंचमी का त्यौहार कुश्ती के दंगलों के लिए जाना जाता है। लोग उत्साह से त्योहार के दौरान अखाड़े में जुटते हैं। बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना आरंभ होने से अगली नाग पंचमी में बहुत सारे अखाड़ों में पहलवानों की और दर्शकों की धूम दिखेगी और अगली बार छत्तीसगढ़ के लोग नाग पंचमी और ज्यादा उत्साह से मना सकेंगे।

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