मोहन और अमरजीत के रुप में फिर उभरा कांग्रेस का आदिवासी प्रेम

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रायपुर.

कांग्रेस ने आज छत्तीसगढ़ में चल रहे अध्यक्ष और मंत्री पद के सवाल को सुलझा लिया है. अध्यक्ष व मंत्री के रुप में आदिवासियों का चयन कर कांग्रेस ने फिर एक बार इस वर्ग के लिए अपने आंतरिक प्रेम को उजागर किया है.

कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाते हुए सीतापुर विधायक अमरजीत भगत को भूपेश मंत्रिमंडल में 13वें मंत्री के रूप में चुने जाने की खबर है.

कोंडागांव से दो बार विधायक रहे मोहन मरकाम अब भूपेश बघेल के स्थान पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होंगे. इस आशय का आदेश केसी वेणुगोपाल के हस्ताक्षर से आज जारी किया गया है.

चार नौकरियां छोड़ी

मोहन मरकाम को जानने वाले बताते हैं कि उन्होंने चार नौकरियों का त्याग किया है. शिक्षाकर्मी वर्ग 1 व वर्ग 2 के अलावा वह भारतीय जीवन बीमा में विकास अधिकारी रहे चुके हैं.

और तो और उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक लाइफ में सीनियर एजेंसी मैनेजर के रूप में नौकरी की है. कानून पढऩे की रूचि के चलते वह दो साल तक जगदलपुर में रहे लेकिन इसी दौरान शासकीय नौकरी लग गई जिसके चलते उन्होंने कानून की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी.

बस्तर टाइगर के नाम से प्रसिद्ध महेंद्र कर्मा के बुलावे पर वे 90-91 में कांग्रेस से जुड़ गए. शुरू के तीन विधानसभा चुनावों में चाहने पर भी उन्हें टिकट नहीं मिली लेकिन उन्होंने कांग्रेस का दामन नहीं छोड़ा.

अंतत: वर्ष 2008 में मोहन मरकाम ने भाजपा की कद्दावर नेत्री लता उसेंडी को जबरदस्त टक्कर दी थी. कड़े संघर्ष में भले ही वह हार गए हो लेकिन 2013 में उन्होंने लता उसेंडी को ही हराकर पहली मर्तबा विधायक का सफर तय किया था. 2018 में उन्होंने पुन: भाजपा प्रत्याशी पर जीत हासिल की.

इधर मोहन मरकाम के प्रदेश अध्यक्ष चुने जाते ही मंत्रिमंडल के रिक्त पड़े एक स्थान पर अमरजीत भगत को चुने जाने की खबर है. संभावना जताई जा रही है कि शनिवार शाम को वह मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. हालांकि इस दिशा में अब तक कोई बयान जारी नहीं किया गया है.

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