अखिल भारतीय अधिकारियों के सुपुत्र बनें आईएएस

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जयपुर.

यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) में इस बार राजस्थान की लॉटरी निकल गई है. प्रथम दो स्थानों पर काबिज कनिष्क कटारिया व अक्षत जैन मूलत: जयपुर शहर के रहने वाले हैं. इनमें कनिष्क का परिवार आईएएस तो अक्षत का परिवार आईपीएस सेवा से जुड़ा हुआ है.

इस बार यूपीएससी टॉप करने वाले कनिष्क कटारिया राजस्थान केडर के सांवरमल वर्मा के बेटे हैं. उनके ताऊजी केशी वर्मा जयपुर संभाग के आयुक्त हैं.

दूसरी रैंक अर्जित करने वाले अक्षत जैन के पिता राजस्थान के सीनियर आईपीएस डीसी जैन हैं. पहले प्रयास में असफल रहे अक्षत को दूसरे प्रयास में सफलता मिली है.

क्या कहते हैं दोनों

इस संबंध में कनिष्क कटारिया कहते हैं कि उन्हें विदेश में नौकरी करना अच्छा नहीं लगता था. दरअसल वह आईआईटी बाम्बे से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद सैमसंग कंपनी में कोरिया में नौकरी कर रहे थे.

करीब डेढ़ साल तक उन्होंने लाखों के पैकेज पर कोरिया में सेवा दी थी. लेकिन उनका सारा ध्यान देश के लोगों की सेवा की ओर लगे रहा. पैसा होने के बावजूद उन्हें विदेश में नौकरी करने के दौरान आत्मसंतुष्टि नहीं मिल पा रही थी.

पापा और ताऊजी के नक्शेकदम पर वह देश की सेवा में जुटना चाहते थे. इसी उद्देश्य से उन्होंने कोरिया में लाखों के पैकेज को छोड़कर जयपुर लौटने का मन बनाया. दो साल तक कड़ी मेहनत की और पहले ही प्रयास में उन्हें सफलता मिली.

दूसरी ओर अक्षत जैन बताते हैं कि उन्हें दूसरे प्रयास में सफलता मिली है. आईआईटी गुवाहाटी से उन्होंने डिजाइन सब्जेक्ट में पढ़ाई पूरी की है. पहली बार मिली असफलता के बावजूद उन्होंने अपना जज्बा बरकरार रखा.

अक्षत बताते हैं कि उन्हें रोबोट बनकर पढऩा अच्छा नहीं लगता है. वह थ्री इडियट फिल्म से इंस्पायर्ड हैं. फिल्म की तर्ज पर उन्होंने जीवन को आनंद लेने का माध्यम बनाया है. पढ़ाई, दोस्त और मस्ती के बीच किसी प्रकार के तनाव के बिना उन्होंने नियमित तौर पर पढ़ाई की है.इसी से वह सफल हुए हैं।

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