आठ साल जूनियर अफसर के अधीन हुए कल्लूरी

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नेशन अलर्ट/ विक्रम बाजपेयी
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रायपुर.

छत्तीसगढ़ में अजीबो गरीब आदेश निकलने की एक परंपरा सी बन गई है. इस बार कुछ ऐसा हुआ है कि अपने से आठ साल जूनियर अफसर के अधीन काम करने को मजबूर होना पड़ सकता है.

उल्लेखनीय है कि आईपीएस एसआरपी कल्लूरी 1994 बैच के अफसर हैं. राज्य में सरकार परिवर्तन के बाद उन्हें ईओडब्ल्यू-एसीबी का प्रभार दिया गया था.

यह नियुक्ति भी बेहद विवादग्रस्त रही थी. दरअसल भाजपा सरकार के समय कल्लूरी के खिलाफ कांग्रेस और तब के मुखिया रहे वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आवाज उठाते रहे थे.

कल्लूरी के खिलाफ किया गया था प्रदर्शन

कल्लूरी की कांग्रेस सरकार आते ही ईओडब्ल्यू-एसीबी में पद स्थापना होने के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी किया गया था. बस्तर के जुझारू पत्रकार कमल शुक्ला ने उस समय प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के राजनीतिक व मीडिया सलाहकार को मिलने आने मजबूर कर दिया था.

इसके बाद कल्लूरी एसीबी-ईओडब्ल्यू से हटा दिए गए. उन्हें तब अपर परिवहन आयुक्त बनाकर परिवहन विभाग में भेज दिया गया था. परिवहन विभाग को अब तक मनोज पिंगवा संभाल रहे थे जो कि कल्लूरी की ही बैच के 1994 के अफसर हैं.

लेकिन अब कल्लूरी के लिए बेहद मुश्किल खड़ी हो गई है. वह इस बार डॉ. कमलप्रीत सिंह के अधीन काम करने को मजबूर हो गए हैं. डॉ. कमलप्रीत 2002 बैच के अफसर हैं.

कमलप्रीत सिंह को आज हुए नौ आईएएस अफसर के फेरबदल में परिवहन आयुक्त सहित परिवहन विभाग का सचिव बनाकर भेजा गया है. यह कल्लूरी के साथ एक तरह से नाइंसाफी है.

हो सकता है कि कल्लूरी पुलिस विभाग की आने वाली लिस्ट में किसी और जगह पदस्थ कर दिए जाए लेकिन तब तक इसे गलत ही माना जाएगा.

मंडल बनें सीएस

बहरहाल राजेंद्र प्रसाद मंडल जिन्हें आरएस मंडल के नाम से प्रशासनिक तंत्र में जाना जाता है उन्हें सुनील कुजूर (1986) के सेवानिवृत्त होने पर राज्य का मुख्य सचिव बना दिया गया.

मंडल (1987) अब तक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव हुआ करते थे. 1983 बैच के अजय सिंह को राज्य योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाकर रायपुर बुला लिया गया है.

सीके खेतान (1987) को राजस्व मंडल बिलासपुर का अध्यक्ष बनाकर गृह एवं जेल के अपर मुख्य सचिव के दायित्व से मुक्त कर दिया गया है.

नान घोटाले में फंसे डॉ. आलोक शुक्ला (1986) को छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिसर का महानिदेशक बनाया गया है. वह योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी के प्रमुख सचिव का दायित्व भी संभालेंगे.

1992 बैच के सुब्रत साहू को गृह एवं जेल विभाग के प्रमुख सचिव के पद पर पदस्थ करते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. साहू मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी का दायित्व संभाल रहे हैं.

1994 बैच के मनोज कुमार पिंगवा को वन विभाग का प्रमुख सचिव बनाते हुए उनके हाथ से परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव सहित परिवहन आयुक्त का प्रभार ले लिया गया है.

1995 बैच की डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी को ग्रामोद्योग विभाग का प्रमुख सचिव बना दिया गया है. उनके पास आवासीय आयुक्त छत्तीसगढ़ भवन नई दिल्ली का अतिरिक्त प्रभार रहेगा.

2006 बैच के भुवनेश यादव को स्वास्थ्य सेवाओं के आयुक्त सहित प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.

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