आयकर विभाग को दुर्ग पुलिस से मिला केस, कल 27 लाख बरामद हुए थे

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रायपुर।

नोटबंदी के तकरीबन चार माह बाद दुर्ग पुलिस ने जिन 10 आरोपियों के पास से लगभग 27 लाख बरामद किए थे वह केस अब आयकर विभाग देखेगा। दुर्ग पुलिस ने आयकर विभाग को केस स्थानांतरित कर दिया है। दरअसल, दुर्ग पुलिस ने एक इनोवा कार से यह पुराने नोट बरामद किए थे। इन पर धारा 102 के तहत अपराध दर्ज किया गया था।

क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि कुछ लोग बड़ी मात्रा में नोट बदलने रायपुर की दिशा में जा रहे है।सूचना पर पुलिस ने पोस्ट ऑफिस के सामने रायपुर पासिंग इनोवा कार को रोककर तलाशी ली। तलाशी के दौरान एक हजार और पांच सौ रुपए के पुराने नोट मिलने पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
हरे व लाल रंग के बैग में 13-13 लाख

इनमें भिलाई सेक्टर छह निवासी राजेश अग्रवाल 63 साल और सुभाष नगर कसारीडीह निवासी मोहनीश देवांगन 45 साल हैं। राजेश के पास हरे रंग के बैग में 13 लाख 60 हजार और मोहनीश के पास सफेद व लाल रंग के कपड़े के थैले में 13 लाख 7 हजार रुपए रखे हुए थे।

पुलिस का कहना है कि इतने सारे रुपए कहां से आए और आय का स्रोत क्या है इसकी जांच के लिए प्रकरण को आयकर विभाग को सौंप रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद वे आगे की कार्रवाई करेंगे। गिरफ्तार आरोपियों को शनिवार को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

पुलिस ने इस रैकेट को मुखबिर की सूचना पर पकड़ा है। कुछ लोग बड़ी मात्रा में नोट बदलने रायपुर की तरफ जाने की सूचना मिलने पर पुलिस ने पटेल चौक के निकट स्थित पोस्टऑफिस के सामने नाकाबंदी की। दोपहर साढ़े 12 बजे संदेह और सूचना के आधार पर रायपुर पासिंग इनोवा कार को रोककर तलाशी ली। तलाशी के दौरान एक हजार और पांच सौ रुपए के पुराने नोट मिलने पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस भले ही पुष्टि नहीं कर रही, लेकिन सूत्रों की माने तो यह मामला पुराने नोट के बदले नए नोट के कारोबार से जुड़ा है। नोटों को इधर-उधर करने का काम हवाला के जरिए किया जाता है। पुलिस के हत्थे चढ़े गिरोह ने भी चार करोड़ रुपए बदलने का सौदा किया था। किस्तों में नोट बदले जाना थे। इसके लिए पूरा नेटवर्क काम करता है। शुक्रवार को पकड़े गए रैकेट में दो दर्जन लोगों के शामिल होने की आशंका है।

पुलिस के हत्थे चढ़े राजेश और मोहनीश से इस नेटवर्क का खुलासा हो सकता है। मीडिया से चर्चा के दौरान आरोपी मोहनीश ने सुनील श्रीवास्तव और शेख इज्जद्दूद्दीन को इस कारोबार का मुख्य सूत्रधार बताया, लेकिन वह कुछ और बोलता उससे पहले पुलिस ने उसे नजरबंद कर लिया।

भारतीय रिर्जव बैंक ने प्रचलन से बाहर हो चुके नोटों को बदलने के लिए 31 मार्च 2017 तक का समय दिया था। नोट आरबीआई की शाखा में जमा कराए जाने थे। इसके लिए नागपुर या भोपाल जाना पड़ता, लेकिन पुराने नोट लेकर आरोपी रायपुर जा रहे थे। कयास लगाए जा रहे हैं कि इनके नेटवर्क में बैंक अधिकारी भी शामिल हैं।

ये हैं आरोपी
राजेश अग्रवाल : सेक्टर 6 भिलाई निवासी राजेश की सिविक सेंटर में हैमूर आईसक्रीम के नाम से शॉप है। हालांकि पुलिस को व्यापारी ने बताया कि जब्त रुपए उसके कारोबार के हैं, बदलने के लिए रायपुर जा रहा था।
मोहनीश देवांगन : सुभाषनगर कसारीडीह निवासी मोहनीश जमीन कारोबार से जुड़ा है। आरोपी का कहना है झोले उसने पकड़े जरूर थे, लेकिन नोट उसके नहीं हैं। सारे नोट राजेश के हैं। पुलिस अब मोहनीश का रिकॉर्ड भी खंगाल रही है।

टीआई सिटी कोतवाली भावेश साव ने बताया कि रुपए कहां से आए, व्यापारियों ने अपनी आय को सार्वजनिक किया है कि नहीं यह जांच का विषय है। इसलिए हम प्रकरण जांच के लिए आयकर विभाग को भेज रहे हैं। धारा 102 के तहत जब्त किया है। विवेचना पूर्ण होने के बाद जो अपराध बनेगा उसमें आरोपियों को मर्ज किया जाएगा।

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