क्‍या 41 करोड़ लगाकर हजार करोड़ कमाएगी छत्‍तीसगढ़ सरकार !

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रायपुर  

शराब बहका ही देती है। फिलहाल तो सरकार अपने ही उपक्रम के माध्‍यम से शराब दुकाने चलाने के फैसले को लेकर आलोचनाएं झेल रही है। लेकिन सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह है। दरअसल पिछले सात साल में शराब से सरकार को 13 हजार करोड़ रुपए का राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है। अब इसके बाद सरकार स्‍वयं इस वर्ष 41 करोड़ रुपए खर्च कर शराब दुकान संचालित करने की तैयारी कर चुकी है।

भूपेश बघेल के सवाल के जवाब में आबाकारी मंत्री की तरफ से दिये आंकड़ों के मुताबिक पिछले सात सालों में सरकार को 13 हजार 523 करोड़ रुपये शराब बिक्री से आमदनी हुई है। आंकड़े बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में साल दर साल पीने वालों की संख्या बढ़ी है और शराब की खपत भी।

क्‍या कहते हैं आंकड़े

  • साल 2010-11 में सरकार की शराब से आय 1004 करोड़ 32 लाख आमदनी थी।
  • साल 2016-17 में यह बढ़कर 2671 करोड़ 72 लाख हो गयी है।
  • वर्ष 2011-12 में 1133 करोड़ 14 लाख रुपये का राजस्‍व मिला।
    2012-13 में बढ़कर 1511 करोड़ 25 लाख रुपए की रकम मिली।
  • 2013-14 में 1983 करोड़ 51 लाख और 2014-15 में 2393 करोड़ 53 लाख सरकार के हिस्‍से आए।
    2015-16 में 2825 करोड़ 30 लाख और इस सत्र वर्ष 2016-17 में 2671 करोड़ 72 लाख का बड़ा राजस्‍व सरकार के पास आया।

250 दुकानें सड़क किनारे से हटेगी

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद प्रदेश के हाईवे के किनारे से करीब 250 दुकाने राज्य सरकार हटाने जा रही है। वहीं जो नये दुकान बनाये जा रहे हैं। उन पर करीब 41 करोड़ रुपये खर्च भी करेगी । वहीं एक अप्रैल से सार्वजनिक उपक्रम के जरिये सरकार करीब 712 दुकानों का संचालन करने जा रही है।

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