फर्जी जाति प्रमाण पत्र से खतरे में पड़ी सांसद की सदस्यता

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बैतुल-भोपाल।

सांसद सुश्री ज्योति धुर्वे एक नए तरह के विवाद में घिर गई हैं. दरअसल उन पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप है। यह प्रमाण पत्र भी उन्होंने भाजपा शासित राज्य छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से बनवाया था. इस जाति प्रमाणपत्र को लेकर मध्यप्रदेश की राजनीति में हंगामा बरपा हुआ है.

बैतूल से भाजपा सांसद ज्योति धुर्वे के आदिवासी होने के प्रमाण पत्र को मध्य प्रदेश सरकार की राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने रद्द कर दिया है. उनकी जाति प्रमाणपत्र रद्द होने के बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता खतरे में पड़ गई है.

बैतूल की सांसद ज्योति धुर्वे रायपुर के दुर्गा कॉलेज में राजनीति शास्त्र की छात्रा रही हैं और उनका परिवार रायपुर के समता कॉलोनी में निवास करता रहा है. 2009 में जब उन्होंने लोकसभा के लिये भाजपा से नामांकन भरा, उस समय ही उनके जाति प्रमाण पत्र को लेकर शिकायतें शुरु हुई थीं.

इसके बाद आनन-फानन में भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता को भोपाल से रायपुर भेजा गया. कलेक्टर सुबोघ कुमार सिंह के रहते यह जाति प्रमाण पत्र तुरंत बनाया गया और जिसे हाथों-हाथ भोपाल भिजवाया गया. इसी के आधार पर बैतूल के ग्राम पंचायत चिल्कापुर ने जाति प्रमाण पत्र को सत्यापित किया और भैसदेही के तहसीलदारने नया जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया.

इस मामले में बैतूल के वकील अरविन्द पेंड्राम ने हाईकोर्ट में याचिका लगा कर आरोप लगाया था कि ज्योति धुर्वे ने अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित बैतूल लोकसभा सीट से 2009 में चुनाव लड़ा था. लेकिन वे अनुसूचित जनजाति की नहीं हैं.

अरविन्द पेंड्राम ने कहा-ज्योति धुर्वे ने फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर चुनाव जीता था. उन्हें यह पद छोड़ देना चाहिये. वे अजा जाति आयोग के पद पर भी रही हैं, इसलिये उन्होंने दो पदों का नुकसान किया है.
इधर बैतूल में कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि सरकार को तत्काल ज्योति धुर्वे से इस्तीफा ले लेना चाहिये और उनके खिलाफ़ मुकदमा भी दर्ज किया जाना चाहिये. ऐसा नहीं किये जाने पर कांग्रेस पार्टी खुद ही पहल करेगी.

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