स्थानांतरण से उठा सवाल ; एसपी बडा़ कि टीआई ?

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विक्रम बाजपेयी

राजनांदगांव/ रायपुर.

मुख्यमंत्री निवास से संचालित गतिविधियों के अब ये दिन आ चुके हैं कि एक आईपीएस अफसर को महज थाना प्रभारी का स्थानांतरण रद्द न करने के चलते हटा दिया जा रहा है. राज्य सरकार के ऐसे निर्णय तय तौर अधिकारियों का मनोबल गिराने के लिए काफी हैं. वही सवाल यह भी उठता है कि क्या ये सरकार अब थाना प्रभारियों के स्थानांतरण पर भी अपना दखल रखना चाहती है जो कि विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी है?

राजनांदगांव जिले के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला एक बार फिर स्थानांतरित कर दिए गए हैं. उनकी सख्त और संतुलित कार्यशैली का सिला सरकार ने उन्हें इस तरह दिया है.

यह संभावनाएं तब से थीं जब उन्होंने जुलाई में जारी जिलेभर के थाना प्रभारियों को एक ही आदेश में इधर से उधर कर दिया था. शुक्रवार को सरकार ने उन्हें कबीरधाम में 17वीं बटालियन का कमांडेंट नियुक्त कर दिया है.

कहा जाता है इस स्थानांतरण की भूमिका तब तैयार हुई जब पुलिस अधीक्षक शुक्ला ने खैरागढ़ पुलिस अनुविभाग में पदस्थ एक टीआई का स्थानांतरण रोकने से मना कर दिया था.

बताया जाता है कि जब उच्च स्तर से उन्हें सिफारिश के लिए फोन आया था तो दो टूक शब्दों में उन्होंने कहा था, “यह मेरा कार्यक्षेत्र है”.

शुक्ला जब सुकमा एसपी थे तब भी उनकी मौजूदा आबकारी मंत्री कवासी लखमा से इसी बात को लेकर ठन गई थी. बाद में उन्हें सुकमा से हटा दिया गया. फिर उन्हें महासमुंद का पुलिस अधीक्षक बनाया गया था.

शुक्ला की कार्यशैली उनकी अलग छाप छोड़ती है. राजनांदगांव में प्रभार संभालते ही उन्होंने कई बड़े मामले खोल कर रख दिए. कई बेनकाब हुए.

अवैध शराब की खेप हो या नक्सल‌ मोर्चे पर बड़ी कामयाबी, या फिर ठग गिरोह की धर पकड़ या रसूखदारों के खिलाफ एक्शन.. उन्होंने कम समय में ही यहां अपने नेतृत्व को साबित किया.

बहरहाल, उन्होंने बीते 25 मार्च को यहां पदभार संभाला था..महज चार महिने बाद वे अब नई जिम्मेदारी संभालेंगे.

शुक्रवार को जारी आदेश में मुंगेली एसपी डी श्रवण को राजनांदग‍ांव की जिम्मेदारी सौंपी गई है. श्रवण कोरबा, बस्तर जैसे जिले कर चुके हैं. उन्हें भी नक्सल जिलों में काम करने का अच्छा अनुभव है. वे 2008 बैच के आईपीएस हैं.

शेष स्थानांतरण

शुक्ला और श्रवण के अलावा सरकार ने 2010 बैच के आईपीएस सदानंद कुमार को छग सशस्त्र बल की 16 वीं वाहिनी नारायणपुर का सेनानी बनाकर भेजा है. वह अब तक ईओडब्ल्यू में बतौर पुलिस अधीक्षक पदस्थ थे.

2010 बैच के आईपीएस अरविंद कुजूर को पुलिस मुख्यालय में सीआईडी शाखा से बतौर पुलिस अधीक्षक श्रवण के स्थान पर मुंगेली में पदस्थ किया गया है.

जबकि राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी संजय महादेवा जोकि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर जगदलपुर में पदस्थ थे उन्हें इसी पद पर नवगठित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही में पदस्थ किया गया है.

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