रायपुर : अपराध की राजधानी भी बन रहा

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रायपुर.

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर धीरे धीरे अपराध की राजधानी में भी तब्दील हुए जा रहा है. लूट, हत्या, उठाईगिरी जैसे अपराध यहां आए दिन होते रहते हैं. इसके बावजूद पुलिस अपने स्मार्ट पुलिसिंग अभियान में मस्त नजर आती है.

इस बार माना थाना क्षेत्र में बेटी सहित मां को जिंदा जला देने का मामला सामने आया है. दोनों की दर्दनाक मौत हो गई है. मामला नकटी गांव से जुड़ा हुआ है.

अधजली हुई लाश बरामद होने के बाद पुलिस अब पूछताछ में अपने तौर तरीके अपना रही है. सनसनी फैल गई है लेकिन पुलिस आसपास के लोगों से कब, कैसे, क्या हुआ यह जानने में लगी हुई है.

अधिकारियों की असफलता

अपराध तो होते रहेंगे. इन्हें पूरी तरह से रोका भी नहीं जा सकता है. यदि अपराध न हो तो पुलिस का फिर काम ही क्या ?… लेकिन यहां सवाल इस बात का नहीं है कि अपराध कैसे और क्यूं किए जा रहे हैं ?

सवाल इस बात का उठता है कि प्रदेश की राजधानी रायपुर को अपराधमुक्त करने के अनगिनत वायदे के बावजूद आए दिन कुछ न कुछ होता है. कभी व्यापारी को लूटने के उद्देश्य से गोली मार दी जाती है तो कभी पुलिस अधिकारी को फोन पर ही धमकी दी जाती है.

इन सब में दरअसल राजधानी के आला पुलिस अधिकारियों की एक तो कमजोरी सामने आती है और दूसरी उनकी असफलता. दरअसल उन्होंने अपराध रोकने कोई ठोस कदम उठाने की आज तक सोची ही नहीं है.

उनका सारा ध्यान स्मार्ट पुलिसिंग, कम्युनिटी पुलिसिंग की प्रशंसा “लेने-देने” में लगा रहता है. वह हेलमेट को लेकर जागरूकता फैलाने में व्यस्त रहते हैं. यदि यही हाल रहा तो राजधानी को अपराधगढ़ कहा जाने लगेगा.

बहरहाल, नेता प्रतिपक्ष धर्मलाल कौशिक तो इससे भी ज्यादा इत्तेफाक रखते हैं. कौशिक सिर्फ़ रायपुर को ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ को अपराधगढ़ में तब्दील होते देख रहे हैं.

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