धनु राशि में गुरू का स्वागत करेंगे शनि और केतु

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नेशन अलर्ट/मृत्युंजय.
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रायपुर.

धनु राशि में गुरू 5 नवंबर को प्रवेश करेंगे. अभी वह वृश्चिक राशि में हैं. शनि और केतु गुरू का स्वागत करने धनु राशि में विद्यमान रहेंगे.

इसे अशुभ ग्रहों के साथ शुभ ग्रह गुरू का संयोग माना जा रहा है. लेकिन यह संयोग पांच राशियों पर भारी पड़ सकता है.

ज्योतिष में गोचर परिवर्तन को लेकर बहुत सी बातें कही गई है. इनमें धनु राशि में गुरू के गोचर को वृष, कर्क, कन्या, तुला व मकर राशि के लिए नुकसानदायक बताया गया है.

वृष राशि :

गुरू का गोचर राशि से अष्टम भाव में होगा. इस भाव को अच्छा नहीं माना जाता है. इस राशि के लोगों को सेहत को लेकर सावधान रहना होगा.

उदर संबंधी रोग सहित इन्हें किडनी की भी परेशानी हो सकती है. पारिवारिक जीवन में अशांति के संकेत मिल रहे हैं.

परिवार से दूर जाने के अलावा इनके मान सम्मान को ठेस पहुंच सकती है. नौकरी में स्थिति उतार चढ़ाव भरी रहेगी. उधारी लेने से बचना होगा.

तीर्थ यात्रा के अलावा गुरूजनों से माता पिता के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए. परेशानियों से बचने के लिए गुरूवे नम: मंत्र का जाप करें.

कर्क राशि :

ज्योतिष में जिस छठे भाव को लेकर किंतु परंतु की स्थिति बनती है उसी छठे भाव में धनु राशि में गुरू का संचार होगा.

यह आपकी राशि से छठवें स्थान पर संचार करेंगे जिससे मन बेचैन रहेगा. चूंकि ज्योतिष शास्त्र में छठे गुरू को शुभ नहीं कहा गया है इसकारण बनते काम बिगड़ेंगे.

अपनों से वाद विवाद हो सकता है. शत्रुओं की संख्या बढ़ सकती है. विरोधी नुकसान पहुंचा सकते हैं. लाभ की स्थिति प्रभावित रहेगी.

बाहर खाने पीने से बचना चाहिए. बुजुर्गों का आदर करने सहित गुरूवार को भगवान विष्णु की पूजा करें. यदि नौकरीपेशा हैं तो नकारात्मक भाव से बचें.

कन्या राशि :

गुरू का धनु राशि में संचार करना आपके लिए मिलाजुला फल देगा. राशि से चौथे भाव में संचार स्वास्थ्य संबंधी मामलों में सावधान रहने को कह रहा है.

बीमार चलने वाले इस राशि के लोगों की परेशानी बढ़ सकती है. पारिवारिक जीवन में निराशा का भाव उत्पन्न हो सकता है. मन इधर उधर भटकेगा.

खर्च बढऩे से आय व्यय का संतुलन बिगड़ सकता है. सरकारी क्षेत्र में जहां परेशानी होगी वहीं राजनीति के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों को विवादों से परेशान होना पड़ सकता है.

गुरूवार को घी का दीपक जलाकर व्रत करके इस गोचर के संभावित नुकसान से बचा जा सकता है. हो सके तो व्रत भी किया जा सकता है.

तुला राशि :

तुला राशि से तीसरे स्थान पर गुरू गोचर करेंगे. तृतीय गुरू को बहुत ही अशुभ माना गया है. स्वास्थ्य संबंधी मामलों में बिल्कुल भी लापरवाही न करें.

पारिवारिक जीवन में संतुलन गड़बड़ा सकता है. मनमुटाव की स्थिति निर्मित हो सकती है. खर्च परेशान कर सकता है.

आय के मामले में समझदारी रखनी होगी. उच्चाधिकारी परेशान कर सकते हैं. गीता सहित विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करके नुकसान से बचा जा सकता है.

मकर राशि :

मकर से बारहवी राशि में गुरू का संचार शुभ नहीं माना जाता है. स्वास्थ्य इस अवधि में नरम गरम रह सकता है.

अचानक उत्पन्न होने वाली समस्याएं सामने आ सकती है. पेट संबंधी तकलीफ हो सकती है. परिजनों की सेहत भी आपको परेशानी में डाल सकती है.

धन संबंधी दिक्कतों के अलावा बढ़ते खर्च और मुसीबत बढ़ा सकते हैं. गाय को चारा देने सहित पंचमुखी रूद्राक्ष धारण कर नुकसान को टाला जा सकता है.

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