नसबंदी : हर्जाने के तौर पर चुकाने पड़े पौने तीन करोड़

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जोधपुर.

नसबंदी फेल होने के मामले में राजस्थान सरकार को 2 करोड़ 76 लाख 60 हजार रूपए का हर्जाना चुकाना पड़ा है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि जोधपुर संभाग में 1538 नसबंदी फेल हो गई थी.

नसबंदी सफल नहीं हो पाने के सात मामलों में मौत भी हो गई है. मृतकों के परिजनों को पृथक से 10 लाख 50 हजार रूपए का जुर्माना देना पड़ा है. कई महिलाएं ऐसी हैं जिनकी बच्चेदानी भी निकालनी पड़ी.

सर्वाधिक जोधपुर में

राजस्थान में नसबंदी असफल रहने के मामले में जोधपुर संभाग आगे है लेकिन उस पर भी जोधपुर जिले में नसबंदी असफल रहने के आंकड़े ज्यादा बताए गए हैं.

आंकड़ों के मुताबिक अकेले जोधपुर जिले में 579 ऑपरेशन असफल हुए हैं. इसके बाद सर्वाधिक आंकड़ा जोधपुर संभाग के सिरोही जिले का है जहां 320 ऑपरेशन असफल हुए हैं.

इसी मामले में 183 ऑपरेशन असफल रहकर पाली ने अपना स्थान बनाया है. बाड़मेर जिले में 164 ऑपरेशन असफल बताए गए हैं. जालोर में यह आंकड़ा 110 होता है. जैसलमेर जिले में सबसे कम 22 ऑपरेशन असफल बताए गए हैं.

जोधपुर के एडीशनल सीएमएचओ रामनिवास सेंवर कहते हैं कि नसबंदी फेल होने के मामले बेहद कम सामने आते हैं लेकिन यदि असफल रह जाती है तो मुआवजा देना पड़ता है.

उनके मुताबिक पुरूषों की तुलना में महिलाएं नसबंदी के मामले में ज्यादा रूचि दिखाती हैं. वे बताते हैं कि अकेले जैसलमेर जिले में 14 हजार 498 महिलाओं ने नसबंदी कराई जबकि महज 36 पुरूष नसबंदी के लिए सामने आए.

बाड़मेर जिले में जहां 31 हजार महिलाओं ने नसबंदी कराई थी वहां 600 पुरूष नसबंदी के लिए आए थे. पाली जिले में 46 हजार महिलाओं ने नसबंदी में रूचि दिखाई जबकि महज 290 पुरूष नसबंदी कराने आगे आए थे.

सिरोही जिले में 119 पुरूषों ने नसबंदी में रूचि ली जबकि 20 हजार महिलाओं ने अपनी नसबंदी कराई. जोधपुर में जहां 310 पुरूष नसबंदी के मामले हैं वहीं 64 हजार महिलाओं की नसबंदी का आंकड़ा सामने आया है.

इसी तरह संभाग के जालोर में 108 पुरूषों की नसबंदी की खबरों के बीच 44 हजार 28 महिलाओं की नसबंदी किए जाने की खबर है.

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