क्या भ्रष्ट हैं छत्तीसगढ़ के डीजी?

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नेशन अलर्ट, 97706-56789.
रायपुर.

शीर्षक चौंकाने वाला है, लेकिन ये सवाल भी यूं ही नहीं सामने आया है. पुलिस महकमे के बदलते तौर-तरीकों को लेकर यह सवाल उठ रहे हैं.

खास वजह ये भी है कि क्राईम ब्रांच भंग करने के बाद इसकी जगह नया विंग तैयार किया गया है. इस विंग के मायने जो सामने आ रहे हैं उससे पुलिस आलाकमान पर सवाल उठाए जा रहे हैं.

किसने किया दावा?

‘धोबी-घाट’ नामक खबरिया यू-ट्यूब चैनल ने दावा किया है कि पुलिस प्रशासन का करप्शन भी सेंट्रलाईज्ड किया जा रहा है. यहां से खबर निकल कर आई है कि पुलिस विभाग ने एक नई विंग तैयार की है जो प्रदेश में ऐसे मामलों को देखेगी जिसे पहले क्राईम ब्रांच देखती थी.

दरअसल, इस चैनल में दिखाई जा रही खबर में बताया गया है कि, प्रदेश पुलिस क्राईम डेस्क का गठन कर चुकी है. यह विंग प्रदेश में कहीं भी किसी पर भी कार्रवाई के लिए मुक्त होगी. इसका सीधा संपर्क प्रदेश के सारे कंट्रोल रुम से होगा जहां से जानकारियां इकठ्ठी की जाएंगी.


  • देखिए वह वीडियो जिसमें क्राईम डेस्क को क्यूूं करप्शन सेंट्रलाईज्ड करने का माध्यम बताया गया है.


कहा गया है कि, चालू कार्यकाल संभाल रहे डीजीपी डीएम अवस्थी ने क्राईम ब्रांच को करप्ट बताते हुए भंग किया. लेकिन असल में इस भंग करने का कारण क्राईम ब्रांच को मिल रहे चढ़ावे को सेंट्रालाईज्ड करना है.

दावा यह भी किया गया है कि नई सरकार में नौकरशाहों ने अपनी नई पोस्टिंग के लिए काफी कुछ नजराने में दिया है. मासिक किस्तें अलग चुकानी हैं. ऐसे में अफसर ऐसी योजनाएं तैयार करने में जुटे हैं जिससे इन सारे खर्चों की भरपाई की जा सके.

धोबीघाट का ये दावा कितना सच्चा है यह परखना थोड़ा मुश्किल है. फिर भी इससे पुलिसिया विभाग के नए प्रशासनिक तंत्र और उसकी कार्यशैली पर सवाल तो उठे ही हैं.

बहरहाल इस मामले में नेशन अलर्ट ने प्रभारी पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी से संपर्क करने की कोशिश भी की. लेकिन चूंकि उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया इस कारण उनका पक्ष सामने नहीं आ पाया है.

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