नेताओं की समझ नहीं आ रहा मतदाताओं का रूझान

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रांची.

विधानसभा चुनाव में मतदाताओं का रूझान नेताओं की समझ से परे जा रहा है. मतदान प्रतिशत ने भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, आजसू सहित तमाम दलों के प्रत्याशियों को उलझा कर रख दिया है.

झारखंड विधानसभा के प्रथम चरण का मतदान 30 नवंबर को हुआ था. प्रथम चरण में विधानसभा की 13 सीटों पर मतदाताओं ने मत डाले थे.

तब गुमला के विशुनपुर विधानसभा क्षेत्र में नक्सलियों ने चार आईईडी ब्लास्ट किए थे. हालांकि इसमें जानमाल की कोई नुकसानी नहीं हुई थी लेकिन दहशत देखी जा रही थी.

7 दिसंबर को झारखंड विधानसभा के द्वितीय चरण के लिए 20 सीटों पर मतदान हुए. इस बार सिसई विधानसभा क्षेत्र के कुदरा पंचायत में झड़प की खबर सुनाई दी थी.

कुदरा की 36 नंबर बूथ पर हुई इस झड़प में पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में एक की मौत हो गई थी.इसके अलावा मतदानकर्मियों की गाड़ी पर नक्सलियों द्वारा की गई फायरिंग का भी प्रभाव देखा जा रहा था.

अड़की प्रखंड के बूथ संख्या 132 से लौट रहे मतदानकर्मियों पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था. जवाबी कार्यवाही के बाद नक्सली जंगल की ओर भाग गए थे.

पहले में ज्यादा तो दूसरे चरण में कम हुआ प्रतिशत

दरअसल, पहले और दूसरे चरण के मतदान प्रतिशत पर गौर किया जाए तो कम और ज्यादा का खेल नजर आता है. पहले चरण की 13 सीटों पर हुए मतदान का प्रतिशत पिछले चुनाव की तुलना में 1.62 प्रतिशत ज्यादा था.

जबकि द्वितीय चरण की 20 सीटों पर पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में तकरीबन 3.17 प्रतिशत कम मतदान हुआ है.

इस बार इन सीटों पर 64.84 प्रतिशत मतदान रिकार्ड किया गया था. पहले और दूसरे चरण के इस ज्यादा और कम के खेल को बड़े बड़े राजनीतिक पंडित समझ नहीं पा रहे हैं.

लोहरदगा में बढ़ा तो जमशेदपुर पूर्व में घटा

पहले चरण में जिन सीटों पर वोट पड़े उनका प्रतिशत 64.92 होता है. जबकि 2014 के विधानसभा चुनाव में यह प्रतिशत 63.29 रहा था.

प्रथम चरण में शामिल रहे लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 71.47 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया है.

लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान 67.93 फीसद वोट पड़े थे. दूसरी ओर चतरा विधानसभा में सबसे कम 58.92 फीसद वोट पड़े हैं. जो कि 2014 के 53.68 फीसद से कहीं ज्यादा हैं.

इसी तरह द्वितीय चरण में जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा का नाम मत प्रतिशत घटने वाली सूची में आता है. इस विधानसभा क्षेत्र से 2014 में 60.90 प्रतिशत वोट पड़े थे जबकि इस बार महज 56.30 प्रतिशत वोट पड़े हैं.

यही स्थिति जमशेदपुर पश्चिमी सीट की भी देखी जा सकती है. इस सीट पर वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में 59.67 प्रतिशत मत पड़े थे.

जबकि इस बार इस सीट पर महज 56.30 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया है. जमशेदपुर का मतदान प्रतिशत मुख्यमंत्री रघुवरदास को भी सोचने मजबूर कर सकता है.

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