रेखा के सहारे ज्यूडिशियरी के लोगों की बातें‌‌ सुन रहे थे गुप्ता

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रायपुर.

पहेली बन चुकी ईओडब्लू की रेखा नायर को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. चुनाव के नतीजे आते ही ईओडब्लू चीफ रहते निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता ने रेखा के लिए 12 दिसंबर 2018 से 12 दिसंबर 2020 तक की छुट्टी स्वीकृत कर दी थी. खबरें निकल कर आ रही हैं कि रेखा ज्यूडिशियरी के लोगों के फोन टैप कर रहीं थीं.

अवैधानिक तरीके से स्वीकृत की गई इस छुट्टी को सरकार ने निरस्त कर दिया है. साथ ही इस मामले को लेकर निलंबित डीजी गुप्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

ईओडब्लू के अधिकारिक सूत्रों से खबर निकल कर आ रही है कि निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता की सरपरस्ती में रेखा ज्यूडिशियरी के लोगों के फोन टेप कर रहीं थी. इनके अलावा राजनेता, ब्यूरोक्रेट्स के फोन भी इंटरसेप्ट किए जा रहे थे.

रेखा नायर ही वो कड़ी थी जिसके सहारे आईपीएस मुकेश गुप्ता फोन इंटरसेप्ट कर रहे थे. उन्होंने रेखा नायर को इस हद तक छिपा कर रखा था कि ईओडब्लू में चार साल की पोस्टिंग के बावजूद वहां कभी किसी ने उन्हें नहीं देखा. वहीं आफिस न आने के बाद भी उन्हें नियमित वेतन भुगतान होता रहा.

नियमों के मुताबिक छुट्टी देने का अधिकार प्रशासकीय विभाग को है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस मामले को लेकर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखते हुए तत्कालीन ईओडब्ल्यू प्रमुख मुकेश गुप्ता को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं.

इज़रालय से ली ट्रेनिंग, करोंड़ों की मशीन खरीदी

कहा जाता है कि तत्कालीन ईओडब्लू चीफ रहते आईपीएस गुप्ता ने लगभग तख्तापलट कर सकने लायक ताकतें बटोर लीं थीं. वे प्रदेश में सभी के फोन सुन रहे थे. इसकी जिम्मेदारी रेखा ही निभा रहीं थीं.

अधिकारिक सूत्र बतातें हैं कि फोन टेपिंग के लिए अवैध तरीके से दो मशीनें खरीदी गई थी. एक मशीन दो करोड़ और दूसरी मशीन पांच करोड़ रूपए में खरीदी गई.

कहा जाता है कि फोन टेपिंग की ट्रेनिंग लेने रेखा नायर को इजराइल भेजा गया था. बताते हैं कि इस बात की पुख्ता जानकारी जांच कर रहे अधिकारियों को मिली है और जांच में इन बिंदुओं को शामिल किया जा रहा है.

चर्चा है कि इस मामले को लेकर ईओडब्ल्यू जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को चिट्ठी भी लिखेगा.

आखिर‌ क्या है मुकेश-रेखा के बीच में..!

आईपीएस मुकेश गुप्ता और रेखा नायर हमेशा साथ ही रहे हैं. साथ ही रहने से मायने दोनों के साथ काम करने‌ को लेकर है. गुप्ता जहां भी पदस्थ रहे हैं रेखा नायर उनके साथ रहीं हैं.

ईओडब्लू में पदस्थापना के साथ ही रेखा नायर भी वहां पदस्थ कर दी गईं थी. पर बीते चार साल में रेखा को वहां किसी ने नहीं देखा.

पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को गुप्ता के खिलाफ जांच किए जाने को लेकर जो पत्र लिखा था, उस पत्र में उन्होंने यह आरोप लगाया था कि रेखा नायर के नाम पर मुकेश गुप्ता ने करोड़ों रूपए की बेनामी संपत्ति खरीदी और उसके जरिए नेताओं, अधिकारियों का फोन अवैध तरीके से इंटरसेप्ट कराया.

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