कल्लूरी के खिलाफ मोर्चे पर डटे पत्रकार शुक्ला

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रायपुर.

कल्लूरी को महत्वपूर्ण पद से हटाए जाने की मांग को लेकर बस्तर के पत्रकार कमल शुक्ला ने राजधानी रायपुर पहुंचकर आमरण अनशन शुरू कर दिया है. पत्रकार कमल शुक्ला का कहना है कि बस्तर में आईजी के महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए एसपीएस कल्लूरी ने आदिवासियों पर अनगिनत अत्याचार ढाये थे.

उन्होंने कहा कि पत्रकारों को रिपोर्टिंग करने नहीं दिया गया था. तालमेटला जैसे भयावह अग्निकांड के मामले में जांच करने आए सीबीआई के अफसरों से भी दुव्र्यवहार कराया गया था.

कमल शुक्ला ने पूर्व की सरकार में भी कल्लूरी के खिलाफ आवाज उठाई थी जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कल्लूरी को बस्तर के आईजी जैसे महत्वपूर्ण पद से हटाकर पुलिस मुख्यालय में संबद्ध कर दिया था. कांग्रेस की सरकार आने के बाद भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री बनने के कुछ दिनों बाद ही श्री कल्लूरी को ईओडब्ल्यू का प्रमुख बना कर नया विवाद शुरू कर दिया है.

पत्रकार कमल शुक्ला का कहना है कि ईओडब्ल्यू के प्रमुख पद पर रहते हुए ही पिछले 15 सालों से मुकेश गुप्ता ने भाजपा की सरकार को ब्लैकमेल किया था और मनचाहे डीजीपी की तैनाती कर आई थी. अब इसी महत्वपूर्ण पद पर कल्लूरी को बैठा दिया गया है जिससे तमाम मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, बस्तर के पत्रकारों और आदिवासियों को न्याय मिलने की संभावनाएं क्षीण हो गई है.

उधर पत्रकार कमल शुक्ल द्वारा उठाई गई आवाज पर सरकार की ओर से कोई सार्थक पहल नहीं की गई है. सरकार का मानना है कि अधिकारी कोई भी हो वह निरंकुशता से काम नहीं कर पाएगा सरकार जैसा चाहेगी वैसा ही उसे करना पड़ेगा, इस लिहाज से कल्लूरी की तैनाती को लेकर कोई सवाल उठाया जाना लाजमी नहीं है.

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