क्या एसपी विनोद चौबे की शहादत पर भी बनेगी एसआईटी?

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रायपुर.

राजनांदगांव के पुलिस अधीक्षक रहे विनोद चौबे का नाम एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है. दरअसल, नक्सली हमले में अपनी जान गंवाने वाले एसपी चौबे के मामले में रामपुर (कोरबा) से विधायक व पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने तत्कालीन दुर्ग आईजी मुकेश गुप्ता पर सवाल उठाएं हैं. उन्होंने राज्य के मुखिया भूपेश बघेल से मुलाकात कर स्पेशल डीजी मुकेश गुप्ता से जुड़े मामलों में जांच कराने की मांग की है.

उल्लेखनीय है कि नांदगांव एसपी रहे विनोद चौबे ने 12 जुलाई 2009 को नक्सली हमले में अपनी जान देश पर न्यौछावर कर दी थी. तब उनके साथ 29 पुलिस कर्मी भी नक्सली हमले के शिकार हो गए थे.


भाजपाई विधायक ननकीराम कंवर ने स्पेशल डीजी मुकेश गुप्ता पर उठाए सवाल


राज्य में सरकार बदली और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने. उन्होंने बिलासपुर दौरे के दौरान शहीद विनोद चौबे की पैतृक नगरी के सत्यम चौक का नाम उनकी याद में करने की घोषणा की.

तब से लेकर अब तक अनायास ही श्री चौबे का नाम लोगों की जुबान पर है. अब पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने तत्कालीन दुर्ग आईजी मुकेश गुप्ता पर सनसनीखेज आरोप लगाकर श्री चौबे की याद दिला दी है.

नक्सली हमले में गुप्ता की भूमिका संदिग्ध

कंवर ने इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर उन्हें एक पत्र सौंपा है. इस पत्र में उन्होंने स्पेशल डीजी मुकेश गुप्ता के काले कारनामों की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए जांच की मांग की है.

मुकेश गुप्ता की भूमिका को कोरकोट्टी-मदनवाड़ा-सीतागांव के नक्सली हमले में संदिग्ध बताते हुए उन्होंने स्पेशन इंवेस्टिगेशन कराने की मांग की है.

सात पन्नों में उन्होंने सीएम बघेल को स्पेशल डीजी गुप्ता के खिलाफ अपनी शिकायतें सौंपी हैं. पहली पत्नी के रहते हुए मिक्की मेहता के साथ मुकेश गुप्ता की दूसरी शादी को गलत बताते हुए उन्होंने मिक्की मेहता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की ओर ध्यान आकृष्ट किया है.

उन्होंने लिखा है कि मिक्की मेहता के परिजनों ने हत्या की आशंका जताई थी. जांच की मांग कराने के बावजूद न तो इस पर कोई जांच हुई और न ही मुकेश गुप्ता से कोई पूछताछ की गई. मिक्की मेहता के परिवारवालों पर प्रकरण दर्ज कर उन्हें उलटा प्रताडि़त किया गया.

नियम विरुद्ध तरीके से हुई पदोन्नति

भाजपा सरकार में भी अपने तेवर को लेकर चर्चा में रहे कंवर ने कांग्रेस सरकार में भी अपने सूर नहीं बदले हैं. मुकेश गुप्ता की पदोन्नति को उन्होंने नियम विरुद्ध ठहराया है. कंवर लिखते हैं कि मध्यप्रदेश में दर्ज मामले की भी जांच होनी चाहिए.

पूर्व गृहमंत्री कंवर ने ईओडब्लू-एसीबी में सूबेदार रेखा नायर से भी मुकेश गुप्ता का नाम जोड़ा है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि मुकेश गुप्ता ने रेखा के नाम से करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति खरीदी है.

साथ ही साथ नेताओं, अधिकारियों के फोन अवैध तरीके से इंटरसेप्ट कराने का आरोप मुकेश पर लगाते हुए कंवर ने इसमें भी रेखा नायर की भूमिका बताई है.

मुकेश गुप्ता के नाम से शिकायत होने पर रेखा नायर को धमकाकर दूसरे प्रांत भेज देने की बात लिखी है. विधायक कंवर ने अपने पत्र में लिखा है कि रेखा नायर को दूसरे प्रदेश से बुलाकर उसके बयान लेना बेहद जरुरी है.

अब देखना यह है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार मामले में क्या रुख अपनाती है? हालांकि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही भूपेश बघेल ने सबसे पहले आईपीएस मुकेश गुप्ता को एसीबी-ईओडब्लू से हटाकर बगैर किसी शाखा का अफसर बनाकर पुलिस मुख्यालय भेज दिया था.

क्या स्पेशल डीजी मुकेश गुप्ता से जुड़े उक्त मामलों में भी कोई एसआईटी बनाई जाएगी?

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