अजीत जोगी के वो कौन से मित्र हैं जो राष्ट्रपति उम्मीदवार हो सकते हैं..?

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नई दिल्ली-रायपुर।

हालही में राजधानी में घटे राजनीति घटनाक्रम के बाद अचानक ही बड़ी खबर सामने आई है. जेडीयू नेता शरद यादव ने अपने रायपुर प्रवास के दौरान सागौन बंगले में अकेले में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी से मुलाकात की थी. जब उनसे इस मुलाकात के बारे पूछा गया था तो उनका जवाब भी चौंकाने वाला था. उन्होंने कहा था, क्या चर्चा हुई अगर ये बता दिया तो हड़कंप मच जाएगा.

बहरहाल, इसके तत्काल बाद खबरें सामने आई हैं कि जोगी के मित्र शरद यादव विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार बनेंगे. अभी भी भाजपा और उसे समर्थन देने वाली राजनीतिक पार्टीयों के पास राष्ट्रपति चुनाव में अपने उम्मीदवार को विजयी बनाने के लिए पर्याप्त मत नहीं हैं.

दूसरी तरफ, राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर चल रही कवायद की अगुवाई सोनिया गांधी कर रही हैं.वो इस सिलसिले में कई विपक्षी नेताओं से मिल रही हैं. बताया जा रहा है कि कांग्रेस जेडीयू नेता शरद यादव को उम्मीदवार बनाने के पक्ष में है. पिछले दिनों सोनिया गांधी और शरद यादव के बीच मुलाकात के बाद ये अटकलें और तेज हुई हैं.

एक मीडिया समूह के साथ खास बातचीत में शरद यादव ने अपनी उम्मीदवारी पर खुलकर कुछ नहीं कहा. उनका कहना था कि राष्ट्रपति उम्मीदवारी से ज्यादा जरूरी सवाल विपक्ष की एकता का है और जो भी नाम तय होगा उस पर सभी विपक्षी पार्टियां राजी होंगी. यादव ने कहा कि विपक्षी पार्टियां पहले भी अलग-अलग मुद्दों पर साथ आती रही हैं और इस बार भी उनकी कोशिश विपक्ष को गोलबंद करने की है.

दूसरी ओर, एनडीए खेमे में राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर आडवाणी से लेकर मुरली मनोहर जोशी तक के नाम के कयास लग रहे हैं. शिवसेना ने पहले मोहन भागवत को राष्ट्रपति बनाने की पैरवी की थी. इसके कुछ दिनों बाद पार्टी सांसद संजय राउत ने एनसीपी नेता शरद पवार के नाम की वकालत की थी.

राष्ट्रपति चुनने के लिए जरूरी वोट से कुछ कम बीजेपी के पास हैं. पार्टी एआईएडीएमके और टीआरएस जैसे दलों के समर्थन से अपनी मर्जी के उम्मीदवार को राष्ट्रपति बना सकती है. हालांकि शिवसेना के साथ रिश्तों में खटास इस राह में रोड़ा हो सकता है. पिछले 2 राष्ट्रपति चुनावों में शिवसेना कांग्रेस के उम्मीदवारों का समर्थन कर चुकी है.

सत्ता के गलियारों में एक चर्चा ये भी है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को ही दूसरा मौका दिया जा सकता है. लेकिन उन्होंने इस बात के संकेत दिये हैं कि वो तभी दोबारा उम्मीदवार बनेंगे अगर सभी पार्टियां उन्हें समर्थन दें और खुद पीएम मोदी उन्हें चुनने की हिमायत करें.

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