खस्‍ताहाल सड़क : एक चुनावी मुद्दा तय हुआ

शेयर करें...

नेशन अलर्ट/रायपुर.

वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मुद्दे तलाशे जाने लगे हैं। प्रदेश की खस्‍ताहाल सड़कें एक चुनावी मुद्दा होंगी यह तय हो चुका है। भाजपा जहां इस मुद्दे पर अभी से माहौल बनाने के प्रयास में लगी हुई है वहीं कांग्रेस उल्‍टे भाजपा को चुनौती देती नजर आ रही है।

प्रदेश की खराब सड़कें इस कदर खस्‍ताहाल हो चुकी हैं कि प्रदेश के मुखिया को लोक निर्माण विभाग (पीडब्‍ल्‍यूडी) के मुख्‍य अभियंता को ही बीते दिनों बदलने के निर्देश देने पड़े थे। चूंकि मामला मुख्‍यमंत्री से जुड़ा हुआ था और उनके निर्देश को टाला नहीं जा सकता इसकारण अगले ही दिन मुख्‍य अभियंता का प्रभार संभाल रहे वीके भतपहरी इसी विभाग में बगैर किसी जिम्‍मेदारी के ओएसडी बना दिए गए। अब भतपहरी मंत्रालय में बैठकर किंतु परंतु कर रहे हैं। इधर पीडब्‍ल्‍यूडी के ईएनसी का प्रभार इन दिनों केके पीपरी रोज ईश्‍वर को याद करके संभाल रहे हैं।

हर दिन हो रही बयानबाजी

जिस दिन से मुख्‍यमंत्री ने ईएनसी के प्रभार में बदलाव किया है उस दिन से इस विषय पर भाजपा आक्रामक हो चली है। कभी भाजपा की राज्‍यसभा सदस्‍य सुशील सरोज पांडे एंकर बनकर खराब सड़कों पर नसीहत देती नजर आती हैं तो कभी डॉ.रमन सिंह उन आरोपों का जवाब देते हुए दिखाई देते हैं जो आरोप उन पर माननीय मुख्‍यमंत्री ने लगाए हैं।

अब मामला छोटे बड़े नेताओं से लेकर छोटे बड़े कार्यकर्ताओं तक पहुंच गया है। क्‍या रायगढ़ और क्‍या बिलासपुर अथवा रायपुर… हर जगह खराब सड़कें ही अखबारों की सुर्खियों से लेकर बयानबाजी तक का विषय बनने लगी है। इसी तरह का माहौल अविभाजित मध्‍यप्रदेश के समय तब था जब दिग्विजय सिंह मुख्‍यमंत्री हुआ करते थे। खराब सड़कों पर भाजपा ने पूरे प्रदेश में माहौल तैयार करके दिग्विजय सिंह की छवि मिस्‍टर बंटाधार की बना दी थी।

चुनाव में यह मुद्दा असर भी दिखाया। एक तरफ छत्‍तीसगढ़ के अलग राज्‍य बनने के बाद मध्‍यप्रदेश संसाधनों की कमी से जूझ रहा था तो दूसरी तरफ सड़कों के मुद्दे ने इतना असर पैदा किया कि माननीय मुख्‍यमंत्री दिग्विजय सिंह पूर्व मुख्‍यमंत्री हो गए। अब इसी तरह की परिस्थिति छत्‍तीसगढ़ में देखी समझी जा सकती है। भाजपा जहां प्रत्‍येक दिन सड़क के मुद्दे पर कांग्रेस को कोस रही है वहीं कांग्रेस अब भाजपा के आरोपों पर पलटवार कर रही है।

33 हजार लंबी अथवा 60 हजार लंबी सड़क

सड़कों की लंबाई चौड़ाई भी अब आरोप प्रत्‍यारोप का विषय है। पूर्व मुख्‍यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने कहा था कि 15 साल में भाजपा ने 60 हजार किमी सड़कों का जाल प्रदेश में बिछाया था लेकिन कांग्रेस की अनदेखी के चलते सड़कें खराब हो गई। अब इस पर कांग्रेस की ओर से प्रदेश संचार विभाग के अध्‍यक्ष सुशील आनंद शुक्‍ला ने 60 हजार किमी लंबी सड़क के दावे पर ही सवाल उठाए हैं।

शुक्‍ला कहते हैं कि प्रदेश में सड़कों की कुल लंबाई 32800 किमी ही है फिर ये 60 हजार किमी का दावा किस आधार पर कर रहे हैं। शुक्‍ला उल्‍टे 81 हजार 6 सौ करोड़ रूपए के घपले का आरोप लगाते हैं। वे बताते हैं कि इस हिसाब से 27200 किमी सड़कें प्रदेश में गायब है और ये घोटाला इन्‍हीं गायब सड़कों का है।

इसी मसले पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्‍ता आरपी सिंह भी कूद पड़े। वे कहते हैं कि 27200 किमी लंबी सड़क कागज पर बनी थी और इसे बनाने के नाम पर खर्च हुए 81 हजार 600 करोड़ रूपए कहां गए ? दरअसल, कागजों में सड़क बनाकर कागजों में राशि का व्‍यय दर्शा कर भाजपा ने अपनी कहीं झोली तो नहीं भर ली है ? बहरहाल, सड़कों और खराब सड़कों का मसला धीरे धीरे ही सही चुनावी वर्ष में चुनावी मुद्दा बनते जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *