कल शाम जी उठेंगी सुरूजबाई खांडे

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नेशन अलर्ट/रायपुर.

छत्‍तीसगढ़ संस्‍कृति परिषद संस्‍कृति विभाग की आदिवासी लोककला अकादमी के एक आयोजन में भरथरी की प्रख्‍यात गायिका सुरूजबाई खांडे एक तरह से जी उठेंगी। उन पर आदिवासी लोक चेतना, चुनौतियां और संभावनाओं पर आधारित व्‍याख्‍यान रखा गया है।

कार्यक्रम सिविल लाइंस रायपुर स्थित न्‍यू सर्किट हाऊस के कॉन्‍फ्रेंस हॉल में होगा। सोमवार शाम 6 बजे होने वाले इस कार्यक्रम की अध्‍यक्षता रविशंकर विश्‍वविद्यालय रायपुर की साहित्‍य एवं भाषा अध्‍ययन शाला में पदस्‍थ सुश्री शैल शर्मा करेंगी।

आदिवासी लोक कला अकादमी के अध्‍यक्ष नवल शुक्‍ल बताते हैं कि सुरूजबाई खांडे की स्‍मृति में रामनारायण तिवारी व्‍याख्‍यान प्रस्‍तुत करेंगे। तिवारी लोक साहित्‍य के गंभीर अध्‍येता के रूप में पहचान रखते हैं। लोक गीतों के संग्राहक तिवारी शोध, अनुसंधान और प्रमाणिकता की खोज में निरंतर सक्रिय रहते हैं।

0 गाजीपुर में पदस्‍थ हैं

उत्‍तरप्रदेश के गाजीपुर में स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय में अंग्रेजी साहित्‍य का अध्‍यापन इन दिनों तिवारी द्वारा कराया जा रहा है। रामनारायण तिवारी को भोजपुरी शोधी, भोजपुरी रत्‍न, रामजियावन बावला सम्‍मान, मूलशंकर शर्मा सम्‍मान आदि अनेक सम्‍मान प्राप्‍त हो चुके हैं।

20वीं सदी का बेस्‍ट राइटर फेलोशिप भी तिवारी अर्जित कर चुके हैं। अंग्रेजी के अलावा भोजपुरी और हिंदी की आठ पुस्‍तकों के रचयिता तिवारी हैं। इनमें संसिया के तांता, गारी जेवनारी और संगजोरी विशेष रूप से उल्‍लेखनीय है। लोक में प्रचलित, दुर्लभ और अप्राप्‍य गीतों एवं पांडुलिपियों का विशाल और व्‍यक्तिगत संग्रहण में रामनारायण तिवारी विशिष्‍ट स्‍थान रखते हैं।

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