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डीपी पर तिरंगा : संघ के नेताओं ने क्‍यूं नहीं बदली ?

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नागपुर।

जब कभी राष्‍ट्रीय ध्‍वज तिरंगे की बात होती है तब अनायास ही राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ (आरएसएस) का उल्‍लेख होने लगता है। क्‍या संघ तिरंगे को राष्‍ट्रीय ध्‍वज नहीं मानता है.. क्‍या वह तिरंगे को उस नजरिए से नहीं देखता है जिस नजरिए से प्रत्‍येक हिंदुस्‍तानी देखता है.. क्या वह तिरंगे पर भगवा ध्‍वज को ही महत्‍व देता है..? ये चंद ऐसे कुछ सवाल हैं जो कि प्रधानमंत्री की एक अपील के बाद आरएसएस के नेताओं की रहस्‍यमयी खामोशी की ओर इशारा कर रहे हैं।

माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने गत दिनों एक अपील पूरे भारतवर्ष के भीतर और बाहर रहने वाले तमाम हिंदुस्‍तानियों से की थी कि वह इस बार अपने ट्वीटर हैंडल पर तिरंगे की डीपी लगाएं। कईयों ने अपील का पालन किया भी और कईयों ने इस ओर ध्‍यान ही नहीं दिया। लेकिन महत्‍वपूर्ण बात यह है कि यही अपील जब आरएसएस के संदर्भ में देखी जाती है तो उसके और उसके नेताओं के ट्वीटर हैंडल सब कुछ बयां कर जाते हैं।

क्‍या आरएसएस प्रमुख वास्‍ता नहीं रखते हैं ?

संघ अपने आप को एक राष्‍ट्रवादी संगठन बताते रहा है। इस संगठन के नेताओं से, कार्यकर्ताओं से जब कभी बात करिए यह आपको बोलते हुए नजर आएंगे कि भारत, भारतभूमि, भारतमाता के लिए वे क्‍या-क्‍या कर रहे हैं। संघ प्रमुख से लेकर गांवों में लगने वाली संघ की एक छोटी सी शाखा तक का एक छोटा सा कार्यकर्ता राष्‍ट्रीयता से ओत-प्रोत नजर आएगा।

लेकिन जब कभी बात राष्‍ट्रीय ध्‍वज की उठेगी, उसके सम्‍मान की उठेगी, उसके आगे शीश नवाने की होगी तब संघ दाएं बाएं होता नजर आता है। अब देखिए न प्रधानमंत्री ने इस बार कितनी अच्‍छी अपील हम हिंदुस्‍तानियों से की लेकिन वह अपील संघ के आला नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक पहुंचते पहुंचते अपना असर खोती नजर आ रही है।

यदि ट्वीटर की डीपी को ही राष्‍ट्रीयता का एक पैमाना मान लिया जाए तो फिर सवाल यह उठता है कि क्‍या आरएसएस चीफ राष्‍ट्रीय नहीं हैं ? क्‍या संघ प्रमुख मोहन भागवत इससे वास्‍ता नहीं रखते हैं ? क्‍या सरकार्यवाह दतात्रे होसबोले व संघ के कई वरिष्‍ठ पदाधिकारी प्रधानमंत्री की अपील के बावजूद ट्वीटर डीपी नहीं बदलकर प्रधानमंत्री की सुनते नहीं हैं ऐसा संकेत करना चाह रहे है।

ऐसा नहीं है कि पूरा संघ ही प्रधानमंत्री की अपील से किनारा किए हुए बैठा है। संघ के कई नेताओं ने अपनी ट्वीटर प्रोफाइल पर तिरंगे को बतौर डीपी लगा लिया है जिनमें सरकार्यवाह अरूण कुमार, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर, प्रज्ञा प्रमुख पदाधिकारी नंदकुमार जैसे बड़े-बड़े नाम शामिल हैं। इसके बावजूद संघ का अधिकारिक ट्वीटर हैंडल अभी तक अपनी डीपी पर तिरंगे से महरूम है।

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