हनी ट्रैप, जीतू सोनी क्या एडीजी कपूर के हटने का कारण बने ?

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भोपाल/इंदौर.

इंदौर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) वरूण कपूर अंतत: यहां से हटा दिए गए. अब सवाल इस बात का उठ रहा है कि राज्य में तहलका मचा देने वाले हनी ट्रैप सहित इस मामले में खुलासा करने वाले जीतू सोनी के चलते क्या उनका तबादला हुआ है?

बताया जाता है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित राज्य के कई आला अधिकारी कथित कारोबारी, माफिया व पत्रकार जीतू सोनी पर कार्यवाही चाहते थे. जबकि एडीजी वरूण कपूर, जीतू सोनी के खिलाफ ऐसी किसी कार्यवाही के लिए तैयार नहीं थे.

अब जबकि वह यहां से हटा दिए गए तो उनके स्थान पर एडीजी मिलिंद कानस्कर को इंदौर जोन की जिम्मेदारी दी गई है. वरूण कपूर जनवरी में ही एडीजी बने थे. अब उनके बाद ऐसे दूसरे अधिकारियों की सूची तैयार हो रही है जिन पर माफियाओं को लेकर नरम रूख अख्तियार करने का आरोप लगते रहा है.

हालांकि पूर्व में भी पलासिया थाने के टीआई पर इसी तरह की कार्यवाही की जा चुकी है. जीतू सोनी मामले की जांच कर रहे टीआई शशिकांत चौरसिया के बाद अब अन्य अधिकारियों पर गाज गिरने की संभावना जताई जा रही है.

बताया तो यह तक जाता है कि एडीजी वरूण कपूर ने जीतू सोनी के खिलाफ कार्यवाही नहीं की तो एसएसपी रूचिवर्धन मिश्र को कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे. डीआईजी रूचिवर्धन ने भी महज चार घंटों के भीतर जीतू सोनी के साम्राज्य को तहस नहस कर मुख्यमंत्री की गुड ऑफिसर्स की सूची में अपना नाम दर्ज करवा लिया.

तबादला भी किया गया तो रविवार के दिन. कपूर के स्थान पर जिन मिलिंद कानस्कर को एडीजी इंदौर जोन बनाया गया है वह फिलहाल साइबर क्राइम सेल देख रहे थे. कानस्कर 1989 बैच के आईपीएस अफसर हैं.

आदेश पर हस्ताक्षर के लिए घर भेजा गया

बताया तो यह तक जाता है कि उच्च स्तर से मिले निर्देशों के बाद गृह विभाग के उपसचिव डॉ. आरआर भोंसले मंत्रालय पहुंचे थे. वहां उन्होंने आदेश तैयार किया. इसके बाद आदेश लेकर अधीनस्थ अधिकारी को गृह विभाग के प्रमुख सचिव एसएन मिश्रा के निवास पर भेजा गया.

मिश्रा ने घर पर ही हस्ताक्षर किए और आदेश जारी हो गया. एडीजी वरूण कपूर की पद स्थापना फिलहाल पुलिस मुख्यालय में की गई है. आईपीएस कपूर पर आरोप है कि उन्होंने जीतू सोनी के खिलाफ कार्यवाही में सक्रियता नहीं दिखाई.

आईपीएस कपूर को जब कार्यवाही करनी थी तब वह धार के एक कार्यक्रम में शामिल होने चले गए थे. मजबूरन एसएसपी रूचिवर्धन मिश्र को कार्यवाही के लिए लगाया गया. मुख्यमंत्री के अलावा मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने जीतू सोनी पर होने वाली कार्यवाही पर निगाह बनाई रखी थी.

दोनों ने एडीजी इंटेलीजेंस एसडब्ल्यू नकवी को सामने कर जीतू सोनी को कानून का पाठ पढ़ाने का संकल्प दोहराया है. दरअसल मुख्यमंत्री शनिवार को इंदौर में थे. तब उनसे कुछ एक अधिकारियों ने एडीजी कपूर के संबंध में चर्चा कर जीतू पर कार्यवाही में उनकी भूमिका पर सवाल उठाए थे.

बहरहाल, अब कपूर हटा दिए गए हैं. यह तीसरा अवसर है जब इस तरह की कार्यवाही की गई है. पहले अपर मुख्य सचिव गौरी सिंह सरकार की जानकारी के बिना आदेश जारी करने को लेकर हटा दी गई थी. पंचायत ग्रामीण विकास के प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव भी विवादित विषयों को लेकर वाणिज्यिक कर विभाग से अन्यत्र भेज दिए गए थे.

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