पिछडऩे के बाद शाही अंदाज में हुई वापसी

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साभार : जसवंत क्लॉडियस

लगातार छह टेस्ट सीरिज जीतकर जब भारत आस्ट्रेलिया के विरुद्ध सातवीं श्रृंखला में मुकाबले पर उतरा तो पहले ही टेस्ट मैच में भारत की अप्रत्याशित पराजय ने सबको स्तब्ध कर दिया। यह सच है कि किसी भी टीम की लगातार सफलता उसकी कमजोरी पर पर्दा डालने के लिए काफी होता है। खेल में ऊंचाइयों पर जाता है तो पराजय का स्वाद भी चखना पड़ता है। पुणे के पहले टेस्ट में पटखनी खाने के बाद भारतीय क्रिकेटर सकते में आ गये। दूसरे ही टेस्ट में किसी तरह शिकस्त की सुनामी लहर को पछाड़ते हुए हमारी टीम बेंगलुरू टेस्ट जीतकर सीरीज में बराबरी पर आ गई। यही प्रदर्शन इस श्रृंखला का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। भारत की विजय ने नौजवान क्रिकेटरों से भरपूर आस्ट्रेलियाई टीम का मनोबल टूटने लगा।

रांची के तीसरे टेस्ट मैच में मेहमान खिलाड़ी बमुश्किल हार को टालने में सफल हुए। आस्ट्रेलिया के नए प्रतिभावान क्रिकेटर अनुभवहीनता के कारण धर्मशाला में खेले गये चौथे टेस्ट मैच में मनोवैज्ञानिक दबाव में आ गये। चौथे टेस्ट मैच को हर हाल में जीतने का लक्ष्य मेहमानों को भारी पड़ गया। जब तक कप्तान स्टीव स्मिथ का बल्ला रन उगल रहा था तब तक सब कुछ ठीक था लेकिन उसके बाद आस्ट्रेलियाई टीम दूसरी पारी में चरमरा गई। पहली पारी में अजूबे के रूप में पर्दापण करने वाले चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव ने अपनी चमत्कारिक गेंदों से मेहमानों के होश उड़ा दिये। दूसरी पारी में उमेश यादव, आर.अश्विन व रवीन्द्र जडेजा की तिकड़ी ने आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को तू चल मैं आया की तर्ज पर पेवेलियन की राह दिखा दी। इस सीरीज में पिछड़ते के बाद भारतीय टीम ने जिस तरह वापसी की वह हमारे खिलाडिय़ों की एकता, जुझारूपन का परिचायक है। चौथे टेस्ट में कप्तान विराट कोहली की अनुपस्थिति के विछोह से उबरते हुए हमारे क्रिकेटरों ने कार्यवाहक कप्तान आंजिक्या रहाणे के नेतृत्व में जिस तरह टीम भावना को दर्शाया उसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है। इससे यह सिद्ध होता है कि विकल्प के रूप में आज भारत के पास बल्लेबाज, गेंदबाज, विकेटकीपर, क्षेत्ररक्षक की कोई कमी नहीं है। फिलहाल भारत दुनियां में टेस्ट क्रिकेट का बादशाह है।

2015 से लेकर अब तक भारत की यह टेस्ट श्रृंखला में लगातार सातवीं जीत है। इसके पहले भारत ने श्रीलंका को 2-1, दक्षिण अफ्रीका को 3-0, वेस्टइंडीज को 2-0 न्यूजीलैंड को 3-0, इंग्लैंड को 4-0, बांग्लादेश को 1-0 से पराजित किया था। इस प्रदर्शन को बनाये रखने के लिए कई चुनौती आयेगी। निश्चित रूप से हमारे खिलाड़ी उसका सामना करने के लिए तैयार हैं।
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