नक्सलियों के बाद अब अर्बन नक्सलिज्म से लड़ेंगे डांगी

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आशीष दुबे, दुर्ग.

डीआईजी रतनलाल डांगी शनिवार को दुर्ग रेंज आईजी का प्रभार संभाल लेंगे. 2003 बैच के आईपीएस अफसर डांगी को नक्सलियों से लडऩे का बेहतर अनुभव है. संभवत: इसी के चलते सरकार ने उन्हें उस दुर्ग रेंज में प्रभारी आईजी के पद पर पदस्थ किया है जहां अर्बन नक्सलिज्म पैर फैला रहा है.

आईपीएस रतनलाल डांगी को दुर्ग रेंज में पहले भी काम करने का अनुभव है. दरअसल वह बतौर प्रशिक्षु आईपीएस रेंज में शामिल राजनांदगांव जिले में काम कर चुके हैं.

सोशल मीडिया में एक्टिव रहते हैं

आईपीएस डांगी ने नक्सलवाद को खत्म करने नक्सलियों के तौर तरीके अपनाए हुए हैं. जिस तरह नक्सली किसी भी घटना के पूर्व अथवा बाद में पर्चे आदि जारी करते हैं उसी तरह आईपीएस डांगी उसका जवाब लेकर सोशल मीडिया में सक्रिय हो जाते हैं.

मूलत: राजस्थान के रहने वाले आईपीएस डांगी कि भारतीय संविधान पर गहरी आस्था है. वह राजस्थान के उन बच्चों की मदद के लिए निरंतर सक्रिय रहने का प्रयास करते हैं जो बच्चे प्रतिभावान होने के बावूजद भी अपनी पारिवारिक परिस्थितियों के मद्देनजर आगे बढऩे में मुश्किल हालात का सामना करते हैं.

बड़े हमले के बाद मिली थी कमान

नक्सलियों के बड़े हमले के बाद आईपीएस डांगी को बस्तर में पदस्थ किया गया था. तब आईजी के रुप में विवेकानंद सिन्हा के साथ डीआईजी कांकेर के पद पर डांगी की पदस्थापना हुई थी.

तब से डांगी नक्सलियों के अलावा कांकेर, नारायणपुर, कोंडागांव जिलों में कानून व्यवस्था को पटरी में बनाए रखने के प्रयास में लगे रहे. सरकार बदलने के बाद अब जबकि उन्हें दुर्ग रेंज की कमान मिली है तो यहां पर भी उनसे बेहतर परिणाम की उम्मीद की जा सकती है.

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