विनोद ने मेल की थी फर्जी एडिट पॉलिसी

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नेशन अलर्ट/राजनांदगांव।

इफ्को-टोकियो जनरल इंश्यूरेंस से जुड़े विवाद में एक नया तथ्य सामने आया है। बताया जाता है कि मामले में इफ्को-टोकियो जनरल इंश्यूरेंस के राजनांदगांव कार्यालय के खिलाफ बैठाई गई जांच में यह तथ्य सामने आया है कि मामले में किसने गड़बड़ी की है।

मोहला निवासी किन्हीं मुकेश पाल नामक व्यक्ति से जुड़ा हुआ है। अशोक लिलैंड कंपनी की ट्रक (सीजी 08 एबी 4202) की पॉलिसी से संबंधित मामला है। ‘नेशन अलर्ट’ ने सबसे पहले न केवल पुलिस में शिकायत की बल्कि खबरों के प्रकाशन के साथ ही साथ कंपनी के स्तर पर भी बातचीत जारी रखी। ‘नेशन अलर्ट’ की मेहनत का ही नतीजा है कि आज दिनांक को अब जाकर इस मामले में कार्रवाई हो रही है।

किस पर गिर सकती है गाज
मामले में इफ्को-टोकिया कंपनी की राजनांदगांव ब्रांच की भूमिका बेहद संदिग्ध पाई गई थी। प्राथमिक स्तर पर प्रकरण में ब्रांच मैनेजर राहुल द्विवेदी के साथ ही सीनियर एक्जीक्यूटिव सुमीत ब्रह्माकर संदिग्ध लग रहे थे जबकि कवर्धा के ब्रांच मैनेजर बनाए गए विनोद साहू भी विवादित थे। अब जाकर पता चला है कि मामले में विनोद साहू ही मुख्यकर्ता-धर्ता रहे हैं।

बताया जाता है कि विनोद साहू ने एडिट पॉलिसी क्रिएट करके उसे सुमीत ब्रह्माकर को मेल किया था। सुमीत यहीं पर धोखा खा गए थे और उन्होंने उस पॉलिसी को आगे फारवर्ड कर दिया था। मतलब साफ है कि फर्जी पॉलिसी तैयार करने में विनोद साहू की भूमिका रही है। यदि नियम संगत कार्रवाई होगी तो विनोद साहू दोषी पाए जाएंगे।

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