रमन के नामांकन को कोर्ट में चुनौती देगी कांग्रेस

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पंकज शर्मा
नेशन अलर्ट/राजनांदगांव।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की परेशानी संभवत: अभी खत्म नहीं हो पाई है। उनके नामांकन को हाईकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कांग्रेस कर रही है। कलेक्टर ने कल ही कांग्रेस की आपत्ति खारिज कर दी थी जबकि कांग्रेस यह कहती रही है कि नामांकन गलत है।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की ओर से 22 व 23 अक्टूबर को नामांकन दाखिल किए गए थे। 22 अक्टूबर को उनके प्रस्तावक, समर्थक ने तो 23 अक्टूबर को स्वयं मुख्यमंत्री ने नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया था। लेकिन इसमें निर्वाचन अधिकारी की मुहर नहीं लगी हुई बताई जा रही है। कांग्रेस इसी पर आवाज उठा रही है।

इसी विषय को लेकर कांग्रेस की ओर से कांग्रेस की ओर से अधिवक्ता रुपेश दुबे ने बुधवार को जिला निर्वाचन अधिकारी व जिलाधीश भीम सिंह के समक्ष लिखित में आपत्ति की थी। जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से भाजपा को अपना पक्ष रखने तलब किया गया था। रुपेश दुबे व सुरेश एच लाल के तर्कों को सुनने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने आपत्ति खारिज कर दी थी।

किस आधार पर खारिज किया
जिला निर्वाचन अधिकारी भीम सिंह ने कहा कि, कांग्रेस की आपत्ति ये थी कि, जो फॉर्म यहां से दिया गया था वो फॉर्म नहीं है बल्कि टाइप फॉर्म जमा किया गया है. उन्होंने साफ किया कि, जो फॉर्म जारी किया गया था उसमें जानकारी भरने के लिए जगह कम थी, लिहाजा कई लोगों ने फॉर्म टाइप करवाए हैं.

उन्होंने कहा कि, नियम के मुताबिक सारे कॉलम स्पष्ट भरे हुए होने चाहिए. आयोग के द्वारा जो प्रारूप दिया गया है वही प्रारूप होना चाहिए. उन्होंने कहा कि, सीएम का नामांकन फॉर्म भी टाइप करवाया हुआ है, लेकिन वो नियमों के मुताबिक है और उसमें सभी जानकारियां स्पष्ट हैं. दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए सीएम का नामांकन स्वीकार कर लिया गया है.

क्या कह रही है कांग्रेस
इस मामले में अब कांग्रेस बेहद आक्रामक हो गई है। कांग्रेस का आरोप है कि जिलाधीश ने गलत तरीके से आपत्ति खारिज की है। चूंकि मामला चुनाव से जुड़ा हुआ है जिस पर ऐसे विषय को लेकर अपील नहीं की जा सकती है इस कारण इस मामले को लेकर अब हाईकोर्ट में इलेक्शन पीटिशन दायर करने की तैयारी कांग्रेस कर रही है।

कांग्रेस के अधिवक्ता रुपेश दुबे बताते हैं कि दस्तावेज निकाले जा रहे हैं। इसके बाद याचिका दायर की जाएगी। नियमावली की बात करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यदि नामांकन फार्म उपलब्ध नहीं हो पाता है तब की स्थिति में फार्म टाइप करा कर जमा किया जा सकता है. लेकिन मुख्यमंत्री के नामांकन के मामले में ऐसा नहीं हुआ है. जब मुख्यमंत्री के नाम से रसीद कटवाई गई है तो इससे स्पष्ट होता है कि फार्म यहां उपलब्ध था और पार्टी को दिया भी गया है लेकिन पार्टी ने वह फार्म जमा नहीं कर टाइप किया हुआ फार्म जमा किया है जो कि गलत है।

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