हे प्रभु! लीजिए राष्ट्रवादी सरकार का राष्ट्रवादी घोटाला

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नई दिल्ली।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर अब तक किसी भी घोटाले का आरोप नहीं लगा था। पहली बार ट्वीटर पर संवेदनशील कार्रवाई करने वाले रेल मंत्री सुरेश प्रभु के विभाग में घोटाला सामने आया है।

यह खुलासा अंग्रेजी अखबार द हिंदू ने एक आरटीआई कार्यकर्ता अजय बोस के माध्यम से किया है। बताया गया है कि भारतीय रेल के सेंट्रल रेलवे कैटरिंग डिपार्टमेंट में दही 972 रुपये प्रति 100 ग्राम और तेल 1253 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा गया। इसके अलावा और भी कई चीजें हैं जो बाजार मूल्य से कहीं ज्यादा पर खरीदी गईं।

अजय बोस ने एक अखबार को बताया कि उन्होंने जुलाई 2016 में आरटीआई के तहत सूचना मांगी थी लेकिन सेंट्रल रेलवे ने उन्हें जो जवाब दिया उसमें कुछ छिपाने की कोशिश की जा रही थी। उसके बाद बोस ने पहली अपील दायर की।

क्या घोटाला छिपाने नहीं दी थी जानकारी
अपीलैट अथॉरिटी ने रेलवे को 15 दिन के अंदर वांछित सूचना देने का आदेश दिया फिर भी बोस को कई महीनों तक सूचना नहीं दी गयी। रेलवे की मंशा पर संदेह बढऩे के कारण बोस ने दोबारा अपील की। तब उन्हें पूरी जानकारी मिली।

बोस को मिली सूचना के अनुसार सेंट्रल रेलवे ने अमूल दही 972 रुपये प्रति 100 ग्राम की दर से खरीदा था जबकि उसकी कीमत 25 रुपये है। बोस के अनुसार उन्होंने जब सुना कि रेलवे का कैटरिंग विभाग घाटे में है तब उन्होंने आरटीआई के तहत ये सूचनाएं मांगी थीं। रेलवे द्वारा बोस की आरटीआई के जवाब में दी गयी जानकारी के अनुसार मार्च 2016 में 58 लीटर रिफाइंड तेल 72,034 रुपये (1241 रुपये प्रति लीटर) में खरीदा गया था।

रेलवे ने टाटा नमक के 150 पैकेट 2670 रुपये (49 रुपये प्रति पैकेट) में खरीदे जबकि नमक के एक पैकेट की एमआरपी 15 रुपये थी। पानी की बोतल और कोल्ड ड्रिंक 59 रुपये प्रति बोतल की दर से खरीदे गए। बोस के अनुसार उन्होंने इस जानकारी के लिए एक साल तक इंतजार किया।

बोस के अनुसार रेलवे ने चिकन, तुर दाल, मूंग दाल, बेसन और टिश्यू पेपर को भी बाजार भाव से काफी अधिक दर पर खरीदा है। 570 किलो तूर दाल 89,610 रुपये (157 रुपये प्रति किलो), 650 किलो चिकन 1,51,586 (233 रुपये प्रति किलो), 148.5 किलो मूंग दाल 89610 रुपये (157 रुपये प्रति किलो) और 178 पानी-कोल्ड ड्रिंक्स के बॉक्स (एक बॉक्स में 10 बोतलें) 106031 रुपये (59 रुपये प्रति बोतल) की दर से खरीदे गए।

बोस को मिली जानकारी के अनुसार जो चीजें सही दर पर खरीदी गईं वो हैं समोसा, प्याज और आलू। रेलवे के कैटरिंग विभाग द्वारा खरीदी गयी चीजों को सीएसटीएम के गोदाम में रखी जाती हैं और आईआरसीटीसी के जन आहार कैंटिन, रेलवे बेस किचन और डेक्कन क्वीन, कुर्ला-हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस इत्यादि ट्रेनों में वितरित की जाती हैं।

बोस को आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार रेलवे द्वारा खरीदी गयी सामग्री और वितरित की गयी सामग्री में विसंगती है। मसलन 7680 रुपये में 250 किलोग्राम आटा खरीदा गया लेकिन 450 किलो आटा (90 किलो बेस किचन को और 360 किलो आईआरसीटीसी-जन आहार कैंटिन को) बांटा गया। इसी तरह 20 किलो मैदा खरीदा गया लेकिन वितरित 35 किलो किया गया। खरीदा गया 255 किलो बासमती चावल लेकिन वितरित हुआ 745 किलो।

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