सोना तस्‍करी : अंतर्राष्‍ट्रीय समूह से जुड़े हैं तार

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रायपुर।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे से एक बार फिर सोना तस्‍करी और इससे जुड़े संबंधित व्‍यापारियों की चर्चा होने लगी है। सोना तस्‍करी के मामले में पूर्व में गिरफ्त में आ चुके इन स्‍वर्ण व्‍यवसायियों के तार अंतर्राष्‍ट्रीय समूह से जुड़े हो सकते हैं। इस दिशा पर गौर कर फूंक-फूंक कर कदम उठाए जा रहे हैं।

दरअसल, राजधानी सहित प्रदेश के विभिन्‍न स्‍थानों पर अभी हाल फिलहाल ईडी ने छापामार कार्यवाही की थी। तब बड़े-बड़े नामी गिरामी ज्‍वेलर्स व्‍यवसायी उसके निशाने पर आए थे। इसी में एक नाम राजनांदगांव से जुड़ी फर्म नंदई स्थित जसराज शांतिलाल बैद की थी। इसी फर्म का मोहनी ज्‍वेलर्स भी है। पूर्व में भी इसी ज्‍वेलर्स से केंद्रीय उत्‍पाद एवं सीमा शुल्‍क यानि कि सीबिक (सीबीआईसी) ने गत वर्ष 1 मई को जब छापा डाला था तो उसे 32 लाख नगद सहित साढ़े सत्रह किलो सोना और 5 टन चांदी का हिसाब किताब नहीं मिला था।

उल्‍लेखनीय है कि तब राजधानी रायपुर में 13 किलो सोने के साथ चार आरोपी हिरासत में लिए गए थे। इनसे जब सीबीआईसी ने कठोरतापूर्वक पूछताछ की तो उसी दौरान एक नाम सामने आया था जसराज शांतिलाल बैद… इसी परिवार का है मोहनी ज्‍वेलर्स।

बर्मा और बांग्‍लादेश से लिंक

अधिकारिक जानकारी बताती है कि सोना तस्‍करी के मामले में अंतर्राष्‍ट्रीय समूह से संबंध तलाशे जा रहे हैं। दरअसल, यहां छत्‍तीसगढ़ में जो सोना आता है वह कोलकाता की ओर से आता है। कोलकाता तक यह सोना बर्मा और बांग्‍लादेश बॉर्डर से होते हुए पहुंचता है।
इन तस्‍करों से छत्‍तीसगढ़ के स्‍वर्ण व्‍यवसायियों के भी संबंध उजागर हो रहे हैं। आने वाले दिनों में कई और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। सोना किस तरीके से बॉर्डर पार करके कोलकाता पहुंचता है और उसे किस तरीक से छत्‍तीसगढ़ लाया जाता है इस पर अधिकारिक सूत्र भले ही अभी कुछ नहीं बोल रहे हैं लेकिन व्‍यवसायिक सूत्र बहुत कुछ बताते हैं। उनके अनुसार नांदगांव का विक्‍की देशभर में फैले नेटवर्क का भले ही छोटा सा मोहरा है लेकिन दमदार मोहरा है।

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