अडानी ने जमीन अवैध तरीके से हड़प ली थी : प्रशासन ने जांच में पाया

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रायपुर.

सरगुजा जिला प्रशासन की जांच में परसा ईस्ट केते बासन कोल ब्लॉक में अडानी द्वारा ग्रामीणों की जमीन अवैध तरीके से हड़पने का मामले को सही पाया गया है. अब इस मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है. छत्तीसगढ़ किसान सभा ने अडानी के खिलाफ एफआईआर करने और कोल खनन के लिए उसको दी गई स्वीकृति वापस लेने की मांग की है.

आज यहां जारी एक बयान में छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा कि नोटरी के शपथ पत्र पर किसानों की जमीन खरीदना अवैध है लेकिन अडानी इंटरप्राइजेज जैसी कॉर्पोरेट कंपनियों को न तो इस देश के कानूनों की परवाह है और न ही लोगों के अधिकारों व आजीविका की चिंता.

सबको मालूम है कि इस क्षेत्र की ग्राम सभाओं के विरोध के बावजूद प्रशासन से मिलीभगत करके और ग्राम सभाओं के फर्जी प्रस्ताव बनाकर यहां पर्यावरण स्वीकृति हासिल की गई है.

किसान सभा नेताओं ने मांग की है कि यह फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद इन गांवों के सामुदायिक अधिकारों को बहाल किया जाना चाहिए, जिसे तत्कालीन भाजपा सरकार ने वर्ष 2016 में खारिज कर दिया था.

सरगुजा में व्यक्तिगत वनाधिकार पत्रकों को भी सरपंचों की मदद से प्रशासन के अधिकारियों द्वारा छीने जाने के कई प्रकरण मौजूद हैं. ऐसे सभी पीड़ित आदिवासियों के वनाधिकार पत्रक भी लौटाए जाने चाहिए.

किसान सभा ने मांग की है कि वनाधिकार और आदिवासी कानूनों के उल्लंघन के मामले में अडानी से साठगांठ किये हुए प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही की जानी चाहिए. यह भी पता लगया जाना चाहिए कि अडानी और अन्य कॉर्पोरेट कंपनियों ने प्रदेश में और जगहों पर भी तो ऐसा फर्जीवाड़ा नहीं किया है?

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