जयंती पर गायों को खिलाई खली और गुड़

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बीकानेर.

सन 1857 की क्रांति के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद मंगल पांडे की 193 वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई. इस अवसर पर गायों को खली और गुड़ खिलाए गए. कोरोना काढा़ का वितरण किया गया.

रविवार को भीखमचंद फाउंडेशन व राजस्थान शाकद्वीपीय ब्राह्मण विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजन हुए.

दिनभर सेवाश्रम के कार्यों के साथ कोरोना बीमारी को लेकर रोग प्रतिरोग क्षमता बढा़ने वाले आयुर्वेदिक काढा का वितरण किया गया.

याद किए गए मंगल पांडे

सर्वप्रथम रविवार को प्रात: 9 बजे सुदर्शनानगर स्थित उद्यान में शहीद मंगल पांडे को सामूहिक पुष्प श्रद्धांजलि दी गई. शहीद मंगल पांडे को याद करते हुए समिति के जिलाध्यक्ष शंकर सेवग ने कार्यक्रम को संबोधित किया.

उन्होंने कहा कि भारतीयों पर आए दिन हो रहे अत्याचार व चर्बीयुक्त कारतूसों को ना इस्तेमाल करने पर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बंदूक मंगल पांडे ने उठाई थी. वह हर भारतीय के महानायक थे.

मनीष भोजक ने मंगल पांडे की जीवनी का वाचन किया. इस अवसर पर मातृशक्ति ने भी श्रद्धांजलि देते हुए उनके बलिदान का स्मरण किया.

फाउंडेशन के अध्यक्ष शिवरतन सेवग के नेतृत्व में दिनभर सेवाश्रम में गायों के लिए खल, गुड़ व हरी घास की व्यवस्था की गई थी.

नर्सिंग स्टाफ, पुलिसकर्मी व दैनिक मजदूरी करने वाले श्रमिकों को यह काढ़ा पिलाया गया. डॉ. गजेंद्र सिंह व मनोज आचार्य ने बताया कि काढा़ वासा, कष्टकारी, हरिद्रा, सौठ, भारंगी, तालिसपत्र, तुलसी, लौंग, पिप्पली, गिलोय आदि जड़ी-बूटियों से निर्मित था.

इन सभी कार्यों में हनुमानदास, मनीष भोजक, ऋतूध्वज शर्मा, पूनम शर्मा, मंजू शर्मा, जयश्री शर्मा, चंद्रकला शर्मा, अनू शर्मा, विकास शर्मा, राजेश शर्मा ने सहयोग किया.

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