खेल मैदानों को छोटा करने का फैसला मुख्यमंत्री तक पहुंच हुआ बडा़

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रायपुर.

खेल मैदानों को छोटा करने का मसला तब बडा़ हो गया जब मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा. वैसे तो सीएम ने कोई घोषणा नहीं की लेकिन उन्होंने अधिकारियों से चर्चा करने के बाद निर्णय लेने की बात कही है. इसके मद्देनजर फिलहाल प्रदर्शन टाल दिया गया है.

उल्लेखनीय है कि राजधानी रायपुर में दो ऐतिहासिक शालाओं के मैदान को छोटा करने का विरोध पिछले कई दिनों से जारी हैं.

दानी स्कूल और सप्रे शाला के मैदान को लेकर जनता सड़कों पर है. कल से इस आंदोलन के तेज होने की खबरें मिल रही थी.

संघर्ष समिति द्वारा कल सुबह से सप्रे मैदान में क्रिकेट मैच और एक सांकेतिक धरना प्रदर्शन करने की खबरें थी.

इस बीच समिति का एक प्रतिनिधि मंडल आज शाम डॉ. अजित डेग्वेकर के साथ मुख्यमंत्री से मिला है. इसके बाद रविवार को होने वाले विरोध को अभी नहीं करने का फैसला लिया गया हैं.

संघर्ष समिति के डॉ अजित डेग्वेकर ने बताया कि आज एक प्रतिनिधि मंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिला हैं. उन्हें मैदानों को छोटा करने को लेकर जो जनाक्रोश है उससे अवगत कराया गया.

मुख्यमंत्री से ये मांग भी की गई है कि पूरी योजना को पारदर्शिता के साथ जनता के सामने रखा जाए और जनता को विशवास में लेकर कार्य किया जाए.

डॉ. डेग्वेकर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हमारी पूरी बात सुनी हैं और अधिकारीयों से चर्चा करने का आश्वासन दिया हैं.

इसके बाद रविवार को होने वाले धरना, प्रदर्शन को स्थगित कर दिया गया हैं. मुख्यमंत्री से चर्चा का परिणाम क्या निकलता है यह देखने के बाद आगे की रूप रेखा तय की जायेगी.

जनता जिस प्रकार स्वस्फूर्त होकर इसका विरोध कर रही हैं. उसे देखते हुए बड़ी संख्या में खिलाडियों के साथ-साथ आम लोगों के इस प्रदर्शन में शामिल होने की उम्मीद थी.

शनिवार शाम मुख्यमंत्री से मिले प्रतिनिधि मंडल में डॉ. डेग्वेकर के साथ दीपक शर्मा, राजेश कदम, विश्वजीत मैत्रा, धर्मराज महापात्रा शामिल थे.

हाईकोर्ट में याचिका दायर

इसके पहले कल भी विश्व पर्यवरण दिवस पर संघर्ष समिति द्वारा मैदान के उस भाग में पौधरोपण किया गया था जिसे डेड एरिया कह कर मैदान से अलग किया जा रहा हैं.

पार्षदगणों के साथ आम नागरिकों ने हिस्सा लिया था. मैदानों को छोटा करने के विरोध में ‘मै भी याचिकाकर्ता’ शीर्षक के साथ हस्ताक्षर अभियान भी चल रहा है.

समिति के अनुसार जिसे व्यापक समर्थन मिल रहा हैं. इस संबंध में एक जनहित याचिका भी छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लगाई गई हैं. 

वार्ड की पार्षद डॉ. सीमा कंदोई, क्षेत्र के विधायक बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर के सांसद सुनील सोनी भी इस कार्य को लेकर अपनी आपति दर्ज करा चुके हैं.

भाजपा पार्षद दल ने भी इसे लेकर नगर निगम कमिश्नर से चर्चा कि हैं जिसके बाद उन्हें प्रोजेक्ट की जानकारी अपर आयुक्त के द्वारा दी गई हैं.

भाजपा पार्षद दल द्वारा योजना समझने के बाद उस पर अपनी आपति और सुझाव से अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य को अवगत करा दिया गया हैं. जिसका कोई परिणाम आज तक सामने नहीं आया है.

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