पेशेवर रुख दरकिनार , ईओडब्ल्यू से जीपी हुए बाहर !

शेयर करें...

नेशन अलर्ट / 97706 56789

रायपुर.

अपने पेशेवर रूख के लिए जाने जाने वाले एडीजी जीपी सिंह आज दोपहर ईओडब्ल्यू – एसीबी से बाहर कर दिए गए. वह 1994 बैच के तीसरे अफसर होंगे जिन्हें बगैर किसी प्रभार के पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है.

आईपीएस जीपी सिंह के पहले उन्हीं के बैच के एसआरपी कल्लूरी व हिमांशु गुप्ता बगैर किसी प्रभार के पुलिस मुख्यालय से संबद्ध किए गए थे.

जीपी के हाथ में थी कमान

पुलिस की खुफिया शाखा की कमान चंद रोज पहले तक एडीजी हिमांशु गुप्ता के हाथों में थी. यह वही हिमांशु हैं जिनके बस्तर आईजी रहते हुए कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर नक्सली हमला हुआ था.

इस हमले में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल को अपने पुत्र दिनेश सहित बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा, कद्दावर कांग्रेसी विद्याचरण शुक्ल, राजनांदगांव के पूर्व विधायक उदय मुदलियार आदि को अपनी जान गंवानी पडी थी.

इसके बावजूद हिमांशु गुप्ता को उस दुर्ग रेंज का पहले आईजी बनाया गया था जहांं से प्रदेश के मुखिया व गृह मंत्रालय संभालने वाले आते हैं. इस पर भी विवाद हुआ था.

विवाद यहीं पर नहीं रुका. कांग्रेस सरकार ने बाद में हिमांशु को उस खुफिया शाखा की जिम्मेदारी सौंप दी थी जिस पर झीरम कांड को लेकर वह आरोप लगाते रही थी.

इसकी श्रीमती सोनिया गांधी व राहुल गांधी से भी शिकायत हुई थी कि प्रदेश सरकार ने हिमांशु गुप्ता को खुफिया शाखा का प्रमुख बनाकर गलत किया है.

ज्ञात हो कि हिमांशु गुप्ता प्रदेश के विवादित पुलिस अधिकारियों में से एक हैं. उन पर धमतरी की सविता खंडेलवाल नामक महिला के खुदकुशी प्रकरण को लेकर भी उंगली उठती रही है. यह प्रकरण अब तक जांच में है.

उन्हें हाल ही में सरकार ने इंटेलिजेंस विंग से हटाकर बिना किसी शाखा का प्रभार दिए पुलिस मुख्यालय भेज दिए था. एसआरपी कल्लूरी व हिमांशु गुप्ता के बाद 1994 बैच के जीपी सिंह की अभी भी धुआंधार बैटिंग चल रही थी.

. . . लेकिन सोमवार का वह दिन शायद ही भुलाया जा सकेगा जब जीपी सिंह किसी नजरदोष के शिकार हो गए. उन्हें भी सरकार ने बिना किसी शाखा का प्रभार दिए पुलिस मुख्यालय बुलवा लिया.

वाकई सरकार का यह फैसला चौंकाने वाला कहा जा सकता है. एक बेहद ईमानदार , कर्त्तव्यनिष्ठ , जांबाज , दिलेर होने के साथ ही अपने पेशेवर रुख के लिए जाने जाने वाले जीपी की सीधी टक्कर एक समय के अपने गुरु सस्पेंडेड आईपीएस मुकेश गुप्ता से थी.

आज मुकेश गुप्ता के प्रभाव वाले एमजीएम हास्पिटल के संदर्भ में ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को लेकर हाईकोर्ट में पेशी भी थी. लेकिन पेशी के नतीजे का इंतजार किए बिना ही सरकार ने जीपी को ही ईओडब्ल्यू एसीबी से रवाना कर दिया.

बहरहाल , अब कल्लूरी व हिमांशु के बाद जीपी सिंह ऐसे तीसरे अफसर हो गए हैं जो न केवल 1994 बैच के हैं बल्कि बिना किसी शाखा का प्रभार दिए हटा दिए गए हैं. मतलब सरकार इस बैच से ही असंतुष्ट नजर आ रही है.

एडीजी जीपी सिंह की जगह सरकार ने रायपुर एसएसपी आरिफ शेख को ईओडब्ल्यू एसीबी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है. रायपुर आईजी आनंद छाबडा के इंटेलिजेंस चीफ का अतिरिक्त प्रभार पाने के बाद शेख दूसरे ऐसे अफसर हैं जिन्हें जिम्मेदारी दी गई है.

इससे इतना तो तय है कि निकट भविष्य में छत्तीसगढ़ पुलिस का रुप रंग बदल जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. आने वाले कुछ दिन बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं.

Comments (0)
Add Comment