बिना किसी सूचना के निकाले गए 80 छात्र

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बिना किसी पूर्व सूचना के अथवा किसी भी तरह की नोटिस के बगैर 80 छात्र पं. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से निकाल दिए गए. इन पर आरोप है कि इनकी उपस्थिति बेहद कम थी.

यह कार्यवाही इस साल की है. इतनी बड़ी कार्यवाही करने के बाद भी विश्व विद्यालय प्रशासन का कोई भी अमला इस पर मुंह खोलने तैयार नहीं है. दरअसल इसके पीछे विश्वविद्यालय की नाकामी जिम्मेदार बताई जा रही है.

बताया जाता है कि विश्वविद्यालय ने कम उपस्थिति होने के चलते जिन विद्यार्थियों को बाहर का रास्ता दिखाया है उन्हें किसी भी तरह की सूचना नहीं दी गई थी. मामला अब राजनीतिक रूप रंग लेने लगा है.

इस पर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी सक्रिय हो गई हैं. बगैर किसी सूचना के निकाले जाने पर धरने पर बैठे विद्यार्थियों में शामिल रही दो छात्राओं को लेकर सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने जवाब तलब किया था.

उनके सवाल जवाब करते ही इन दोनों छात्राओं को परीक्षा देने की अनुमति दे दी गई. साथ ही साथ राजभवन ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन से सवाल जवाब किया.

पत्रकारिता विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार दीपेंद्र बघेल कहते हैं कि राजभवन को विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जवाब भेज दिया गया है. इसमें वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है.

बहरहाल विश्वविद्यालय को छात्रों को कम से कम तीन मर्तबा नोटिस देनी चाहिए थी. कम उपस्थिति होने पर मिलने वाली पहली नोटिस के बाद जारी होने वाली दूसरी नोटिस में परीक्षा से वंचित कर देने की सूचना होती है.

इसके बावजूद यदि छात्र नहीं मानते हैं तो तीसरी नोटिस जारी की जाती है. यह नोटिस छात्रों के प्रवेश को निरस्त करने के संबंध में होती है. लेकिन इस बार प्रशासन ने नोटिस का चक्कर ही नहीं पाला और कम उपस्थिति के आधार पर छात्रों को परीक्षा से वंचित कर दिया.

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