एडीजी जीपी सिंह के समय लोक अभियोजन नई ऊचाईंयां छूएगा

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रायपुर.

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) स्तर के आईपीएस जीपी सिंह के पदस्थ होते ही लोक अभियोजन में भूचाल देखा जा रहा है. जिस लोक अभियोजन को विवादित जगह माना जाते रहा है वह अब जीपी के कार्यकाल में नई ऊचाईयां छू सकता है.

छत्तीसगढ़ पुलिस में आईपीएस अफसर्स के हालिया फेरबदल में तीन वरिष्ठ अधिकारी प्रभावित हुए थे. आईपीएस संजय पिल्ले को लोक अभियोजन सहित राज्य वैज्ञानिक अनुसंधान प्रयोगशाला से हटाकर डीजी जेल का दायित्व दिया गया था.

इसी तरह आईपीएस अशोक जुनेजा को होमगार्ड का दायित्व मिला. सर्वाधिक महत्वपूर्ण दायित्व आईपीएस जीपी सिंह के जिम्मे आया है. आईपीएस सिंह को एफएसएल सहित संचालक लोक अभियोजन का दायित्व दिया गया है.

विभाग में आने लगी कसावट

आईपीएस जीपी सिंह को बेहतर कार्यशैली के लिए जाना जाता है. जीपी सिंह की कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी के साथ उनकी दबंगई की चर्चा पुलिस विभाग के अंदर बाहर होते रही है.

अपने काम में आईपीएस जीपी सिंह इतने दमदार हैं कि उन्होंने आईपीएस मुकेश गुप्ता को अदालत का दरवाजा खटखटाने मजबूर कर दिया.

यह वही आईपीएस मुकेश गुप्ता हैं जो कि ईओडब्ल्यू-एसीबी के मुखिया होते हुए रायपुर से लेकर दिल्ली तक चर्चित हुए थे.

प्रदेश में जैसे ही कांग्रेस सरकार आई वैसे ही मुकेश गुप्ता की परेशानी बढऩे लगी. वह असल में परेशान तब हुए जब आईपीएस जीपी सिंह को ईओडब्ल्यू-एसीबी का प्रभारी बनाकर सरकार ने पदस्थ किया.

इसके बाद का किस्सा जनता जनार्दन को बेहद अच्छे तरीके से मालूम है. अब जीपी सिंह को इस सरकार ने ईओडब्ल्यू-एसीबी के दायित्व सहित उस लोक अभियोजन विभाग को पटरी पर लाने की जिम्मेदारी सौंपी है जो कि गया गुजरा विभाग माना जाता था.

सजा के तौर पर होती थी पद स्थापना

लोक अभियोजन व राज्य वैज्ञानिक अनुसंधान प्रयोगशाला को छत्तीसगढ़ पुलिस में सजा के तौर पर अधिकारियों की पद स्थापना वाली शाखा माना जाता था. तत्कालीन रमन सरकार के समय इसकी छवि ऐसी ही बनाई गई थी.

तब रिटायर्ड आईपीएस एमडब्ल्यू अंसारी हो अथवा आईपीएस पवन देव बतौर सजा इस शाखा में भेजे गए थे. कहा तो यह तक जाता है कि एक समय अंसारी को निलंबित करने आरोप पत्र जारी कर दिया गया था.

इसी तरह का हाल आईपीएस पवन देव का था. उनके समय पुलिस की लोक अभियोजन शाखा को भले ही आईएसओ सर्टिफिकेट मिली हो लेकिन वह अपनी छाप नहीं छोड़ पाए.

आईपीएस देव के समय एक एप भी लोक अभियोजन शाखा में डेवलप हुआ था लेकिन इसका उद्घाटन कब और कैसे हुआ यह कोई नहीं जानता.

बहरहाल, अब जबकि आईपीएस जीपी सिंह को एफएसएल सहित लोक अभियोजन शाखा का प्रभार सरकार द्वारा दिया गया है तो इसके पीछे कोई न कोई कारण होगा.

जीपी सिंह की पद स्थापना की खबर मात्र से लोक अभियोजन शाखा में हड़कंप की स्थिति देखी जा रही है. अब देखिए आगे आगे होता है क्या.

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