38 करोड़ में बनेगा राष्ट्रीय आजीविका अनुसंधान केंद्र

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श्योपुर.

ग्राम सेसईपुरा में तकरीबन 38 करोड़ रूपए की लागत से राष्ट्रीय आजीविका अनुसंधान केंद्र बनने का रास्ता साफ हो गया है. यह मध्यप्रदेश का पहला केंद्र होगा. इसके लिए प्रशासन ने चालीस बीघा जमीन आबंटित कर दी है.

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत यह कार्य होना है. इसका उद्देश्य गरीब महिलाओं की आजीविका में सुधार लाने सहित उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है.

साठ हजार महिलाएं जुड़ी

श्योपुर जिला पंचायत की सीईओ हर्ष सिंह के मुताबिक जमीन मिलते ही इसका प्रोजेक्ट बनाकर शासन को भेज दिया गया है. वहां से सिर्फ अनुमति का इंतजार है. जैसे ही प्रोजेक्ट अप्रूवल प्राप्त होता है वैसे ही कार्य शुरू हो जाएगा.

बताया जाता है कि कराहल विकासखंड के ग्राम सेसईपुरा में स्थित रेशम कालोनी के पास चालीस बीघा जमीन आबंटित कर दी गई है.

इसी तरह विश्रामगृह के नजदीक पांच बीघा जमीन का आबंटन हुआ है. कृषि के अलावा अलग अलग कार्यों के लिए इस जमीन पर 38 करोड़ रूपए की लागत से आजीविका केंद्र बनना है.

बताया जाता है कि यह आजीविका केंद्र प्रदेश का पहला होगा. अभी तक जिले में महिलाओं के समूह व संगठन बनाकर कृषि व गैर कृषि कार्यों से जोड़कर उनका आजीविका स्तर ऊपर उठाने का कार्य किया जा रहा है. इससे तकरीबन साठ हजार महिलाएं जुड़ चुकी है.

इस आजीविका केंद्र में ग्वालियर, चंबल जिलों के क्षेत्र में अनुसंधान किया जाएगा कि कौन से क्षेत्र में कौन सा कार्य सफल होगा जिससे लोगों की आजीविका बढ़ सके. केंद्र में ही हितग्राही महिलाओं को ट्रेनिंग भी दी जाएगी.

साथ ही साथ कृषि, पशुपालन, कुक्कुटपालन का प्रदर्शन भी राष्ट्रीय आजीविका अनुसंधान केंद्र में होगा. इसे देखकर हितग्राही अपनी पसंद से आजीविका से जुडऩे का निर्णय ले सकेंगे.

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