दस-दस रूपए के चंदे से बना बाबा रामदेव की जन्मस्थली में 20 करोड़ का मंदिर

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बाडमेर.

610 साल पहले अवतरित हुए लोक देवता बाबा रामदेव की जन्मस्थली पर बीस करोड़ की लागत से बने मंदिर का लोकार्पण होने जा रहा है. यह मंदिर दस साल में बना है. प्राण प्रतिष्ठा समारोह 28 नवंबर से शुरू होकर 6 दिसंबर तक चलेगा.

बाड़मेर जिले के उंडू काश्मीर को बाबा रामदेव का जन्म स्थान माना जाता है. उनका जन्म यहां पर विक्रम संवत 1409 में हुआ था. बाबा रामदेव ने जिस रूणिचा में समाधि ली थी उस रूणिचा को रामदेवरा के नाम से जाना जाता है.

रामदेवरा अब देश विदेश में बेहद प्रसिद्ध हो गया है. साल दर साल लगने वाले मेले में शामिल होने देश विदेश के श्रद्धालु रामदेवरा पहुंचते हैं. रामदेवरा की तर्ज पर ही अब उंडू काश्मीर को सजाने संवारने की तैयारी की जा रही है.

7.5 तीव्रता का भूकंप नहीं पहुंचा पाएगा नुकसान

अब इस स्थान पर 610 साल बाद बाबा रामदेव के भक्तों से चंदा लेकर मंदिर तैयार किया गया है. मंदिर तैयार होने में दस साल का समय लग गया. इस पर तकरीबन बीस करोड़ की लागत आई है.

बाबा रामदेव अवतारधाम मंदिर विकास समिति रामदेरिया काश्मीर की ओर से अब यहां नौ दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है. इसमें दस से पन्द्रह लाख लोगों के आने की उम्मीद है. दस हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्था मंदिर समिति द्वारा टेंट लगाकर की गई है.

मंदिर की खासियत यह है कि यह 7.5 तीव्रता के भूकंप को झेल जाएगा. यह बाड़मेर जिले का ऐसा पहला मंदिर है जो कि 110 फीट ऊंचा है. 35 फीट नींव को सीमेंट कांक्रिट से जमीन के नीचे भरा गया है. तकरीबन पचास से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे निगरानी के बतौर लगाए गए हैं.

5 दिसंबर को भव्य वरघोड़ा निकाला जाएगा. पांच राउंड में हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा होगी. हर रोज भोजन प्रसादी का आयोजन होगा. उंडू काश्मीर में बाबा रामदेव की जन्मस्थली को अब रामदेरिया के नाम से जाना जाएगा. यहां पर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए यज्ञ शाला बनाई गई है.

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