नक्सली कुंदन पाहन कैसे बन गया पार्टी प्रत्याशी?

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आत्मसमर्पित नक्सली कुंदन पाहन तमाड़ विधानसभा सीट से झारखंड पार्टी (एनोस) से ही चुनाव लड़ेगा. इस पार्टी के लिए तय किए गए चुनाव चिन्ह फल भरी हुई टोकरी पाहन को आबंटित भी कर दी गई है. अब सवाल इस बात का उठ रहा है कि कुंदन पाहन किस तरीके से पार्टी प्रत्याशी बन गया है.

दरअसल सारा मामला आपसी खींचतान से जुड़ा हुआ है. शुक्रवार को ही तमाड़ के निर्वाचन पदाधिकारी ने पाहन को झारखंड पार्टी (एनोस) का प्रत्याशी मान लिया था. साथ ही साथ उनके द्वारा वह चुनाव चिन्ह भी आबंटित कर दिया गया जो कि पार्टी द्वारा मांगा गया था.

अब झापा अध्यक्ष एनोस एक्का दूसरी बात कह रहे हैं. उनके मुताबिक भ्रमवश कुंदन को सिंबॉल दिया गया है. एनोस कहते हैं कि चुनाव चिन्ह वापस लेने की चिट्टी चुनाव आयोग को भेजी गई है.

जबकि निर्वाचन कार्यालय और रिटर्निंग अफसर के बीच यह चिट्ठी इस तरह से झुलती रही कि कुंदन को चुनाव चिन्ह भी आबंटित हो गया. इसमें भी एक किंतु परंतु बताया जा रहा है.

कुंदन पाहन को झापा द्वारा टिकट दिए जाने ने झारखंड में राजनीतिक रूप से तूल पकड़ लिया था. इसके बाद ही पार्टी अध्यक्ष एनोस एक्का ने टिकट वापस लेने का औपचारिक ऐलान किया था.

उनके द्वारा निर्वाचन आयोग को भी पत्र लिखे जाने की जानकारी दी गई थी. एक्का ने ही फार्म ए के माध्यम से पार्टी के महासचिव अशोक भगत को चुनाव में टिकट बांटने के लिए अधिकृत किया था.

इसी फार्म के आधार पर भगत ने फार्म बी के माध्यम से कई प्रत्याशियों को टिकट बांटे. इनमें ही कुंदन पाहन का नाम था जो कि तमाड़ से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. इसके बाद जब विवाद मचा तो एक्का और निर्वाचन पदाधिकारी के अपने अपने तर्क हैं.

एक्का ने कुंदन को दी गई टिकट वापस लिए जाने के संबंध में ली गई पत्रकार वार्ता में बताया था कि इस पत्र की प्रतिलिपि सहायक निर्वाचन पदाधिकारी बुंडु राजेश कुमार को भी दी गई है.

अब निर्वाचन पदाधिकारी राजेश कुमार कहते हैं कि झापा ने टिकट बांटने के लिए महासचिव अशोक भगत को अधिकृत किया था. टिकट वापस लेने के संबंध में भगत का कोई पत्र नहीं आया.

कुमार के कहे मुताबिक झापा अध्यक्ष द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए पत्र व फार्म ए में अशोक कुमार भगत को अधिकृत किए जाने के संबंध में की गई हस्ताक्षर में असमानता है. झारखंड पार्टी द्वारा हार्ड कॉपी निर्वाचन पदाधिकारी बुंडु को नहीं दी गई है.

वे कहते हैं कि चुनाव नियमावली के अनुसार एनोस एक्का द्वारा जारी पत्र पर इस कारण कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है क्योंकि उन्होंने ही पार्टी महासचिव अशोक कुमार भगत को फार्म ए में टिकट आबंटन के लिए अधिकृत किया था.

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