सात को तुला राशि में प्रवेश करेगा वक्री बुध

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नेशन अलर्ट/मृत्युंजय
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रायपुर.

शुक्रवार तड़के 4.35 बजे बुध ग्रह वक्री हो गया है. वृश्चिक राशि में वर्तमान में विराजित बुध वक्री रहते हुए ही 7 नवंबर को तुला राशि में प्रवेश करेगा.

तुला को शुक्र के स्वामित्व वाली राशि माना जाता है. ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि 21 नवंबर को बुध फिर से मार्गीय हो जाएगा. 5 दिसंबर को यह वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा.

तकरीबन 36 दिनों तक बुध वक्री चाल चलेगा. इस अवधि में व्यापार में बढ़ोत्तरी की संभावना जताई जा रही है. मध्य भारत के कुछ एक स्थानों पर राजनीति के क्षेत्र में उठापटक देखी जा सकती है.

पूर्वोत्तर और पश्चिम क्षेत्र के बीच आपसी वाद विवाद की स्थिति निर्मित हो सकती है. कुछ एक स्थानों पर भारी बारिश की आशंका जताई जा रही है. मंदी का प्रभाव कम हो सकता है.

बहरहाल इस वक्री बुध को तमाम बारह राशियों पर सीधा असर डालने वाला देखा जा रहा है. वक्री बुध की वजह से व्यापार में वृद्धि दिखाई दे रही है.

मेष राशि के लोगों को हानि उठानी पड़ सकती है. इन्हें सतर्क होकर कदम उठाना चाहिए. वृश्चिक राशि के लोग अधिकारियों के साथ कठिनाई महसूस करेंगे. इससे नौकरी में परेशानी हो सकती है.

मिथुन राशि के लोग लाभ के योग का लाभ उठायेंगे. मान सम्मान की प्राप्ति के अलावा कार्यों में सफलता भी इन्हें मिलेगी. कर्क राशि के लोगों के लिए सोच समझकर व्यय करने की सलाह ज्योतिष के जानकार दे रहे हैं. व्यय अधिक होने से तनाव बढ़ सकता है.

सिंह राशि के लोगों को रूपए पैसे के मामले में अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ सकती है. खर्च बेहिसाब होगा. यात्रा पर जाना पड़ सकता है. कन्या राशि के लोगों को बुध की वजह से प्रसन्नता महसूस होगी. आय में बढ़ोत्तरी हो सकती है.

तुला राशि के लिए अत्यधिक कार्य के अलावा उन कार्यों में भी सफलता के योग नजर आ रहे हैं. वृश्चिक राशि के जातकों को भाग्य वृद्धि के समय का लाभ हो सकता है. बुध इन्हें कोई बड़ी उपलब्धि दिलवा सकता है.

धनु राशि के लोग यदि लाभ अर्जित करना चाहते हैं तो उन्हें सावधान होकर कार्य करना पड़ेगा. हर वक्त चिंताग्रस्त रह सकते हैं. मकर राशि के लोगों को धैर्य बनाए रखना होगा. गृह क्लेश इन्हें परेशान करेगा.

कुंभ राशि के लोगों को अनावश्यक तौर पर भय घेरेगा लेकिन इससे डरें नहीं. ईमानदारी से कार्य करते रहें. मीन राशि के लोगों को बुध की वजह से पुरानी परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है. संतान के सुख में वृद्धि हो सकती है.

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