घंटों जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ते रहा जवान

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नारायणपुर.

नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में घायल हुए दो जवानों में से एक ने अंतत: दम तोड़ दिया है. वह करीब बीस घंटें तक जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ते रहा. दूसरे घायल जवान को उच्चस्तरीय उपचार के लिए रायपुर रेफर किया गया है.

उल्लेखनीय है कि शनिवार की सुबह नक्सलियों के साथ पुलिस की एक मुठभेड़ हुई थी. यह मुठभेड़ ओरछा से करीब बीस किमी अंदर धुरबेड़ा में चल रहे नक्सली कैंप के समीप हुई थी.

इस मुठभेड़ में पुलिस ने पांच नक्सलियों को मार गिराया था. नक्सलियों में घायल जवानों सहित मारे गए नक्सलियों के शव को लाने के लिए एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर को रवाना किया गया था.

लेकिन हेलीकॉप्टर की लैंडिंग नहीं हो पाई. कई मर्तबा प्रयास के बावजूद जब हेलीकॉप्टर नहीं उतर पाया तो वापस लौट गया. इसके बाद घायल जवानों सहित शवों को लेकर देर रात पुलिस टीम कैंप में लौट आई. तब तक एक जवान ने दम तोड़ दिया था.

छत्तीसगढ़ की एसआईबी के डीआईजी पी सुंदरराज ने इसकी पुष्टि की है. उनके अनुसार नारायणपुर जिले के कुड़ेली गांव के राजू नेताम नामक जवान ने अपनी जान गंवाई है. दूसरे घायल जवान सोमारू गोटा को बेहतर उपचार के लिए रायपुर रेफर किया गया है.

नक्सली ऑपरेशन को अंजाम देने करीब 120 जवानों की टुकड़ी निकली थी. इन्हें अपने टारगेट तक पहुंचने में 3 दिन का समय लग गया. वापसी के दौरान जवानों ने करीब 30 से 35 छोटे बड़े नदी नालों को पार किया.

नमी की वजह से जवानों के पैर पूरी तहर से छिल गए है . वापसी में जवानों को करीब 140 किलोमीटर का रास्ता तय कर वापस आना पड़ा है. इसे नारायणपुर पुलिस की बडी़ सफलता माना जा रहा है.

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