चार साल के अंतराल के बाद ईई अग्रवाल को मिली जमानत

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बिलासपुर.

चार साल से जेल में बंद निलंबित अधिकारी आलोक अग्रवाल को जमानत मिल गई है. उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी घोषित आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर रखी थी.

वह फिलहाल सेंट्रल जेल रायपुर में बंद हैं. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी है. पहले चार मर्तबा हाईकोर्ट ने उनकी जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया था. पांचवी बार लगाई गई याचिका पर उन्हें जमानत दी गई है.

एसीबी-ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया था प्रकरण

उल्लेखनीय है कि आलोक अग्रवाल जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता के रूप में कार्य कर रहे थे. जब राज्य के स्पेशल डीजी मुकेश गुप्ता ईओडब्ल्यू-एसीबी के मुखिया हुआ करते थे तब उन्होंनें आलोक अग्रवाल पर केस दर्ज कराया था.

सन 2014 में तब जल संसाधन विभाग के खारंग डिवीजन में प्रभारी कार्यपालन अभियंता के पद पर अग्रवाल पदस्थ थे. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में उन पर ईओडब्ल्यू-एसीबी की टीम ने छापा डाला था.

तब आलोक के भ्राता पवन अग्रवाल और उसके साझेदार अभिष स्वामी के पास से सोलह करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की गई थी. उस समय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था.

अगले साल 2015 के मार्च माह में आलोक अग्रवाल, पवन अग्रवाल, अभिष स्वामी को जेल भेज दिया गया था. तब तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने सात अधिकारियों सहित आलोक अग्रवाल को निलंबित कर दिया था.

चूंकि आलोक अग्रवाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉड्रिंग एक्ट 2002 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर रखा है इसकरण उन्हें फिलहाल जेल से बाहर आने में अभी कुछ दिन और लगेंगे. मनी लॉड्रिंग केस की सुनवाई अभी बाकी है.

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