सिख आखिर क्यूं गुस्सा हैं मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ से ?

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भोपाल.

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ एक नए तरह के विवाद में फंस गए हैं. उनसे पूरा का पूरा सिख समाज नाराज हो गया है. और तो और दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी से जुड़े कुछ लोगों ने वहां के नॉर्थ एवेन्यू थाने में शिकायत भी कर दी है.

आखिर सिख समाज क्यूंकर मुख्यमंत्री कमलनाथ से इस हद तक नाराज हो गया है? कमलनाथ ने भी मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल स्पष्टीकरण जारी किया है.

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने स्पष्टीकरण में लिखा है कि जिसने भी ऐसा किया है उसे बख्शा नहीं जाएगा. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का दायित्व भी संभाल रहे कमलनाथ के मीडिया विभाग के समन्वयक नरेंद्र सलूजा इसे किसी की साजिश करार देते हैं.

सलूजा के मुताबिक इस मामले में न ही कांग्रेस और न ही कांग्रेस के किसी कार्यकर्ता का कोई लेना देना है. उन्होंने सायबर सेल में शिकायत दर्ज कराई जाने की जानकारी देते हुए कहा कि कमलनाथ का फोटो लगाकर षड्यंत्र किया गया है. जिसने भी यह किया है उसे छोड़ा नहीं जाएगा.

आखिर ऐसा हुआ क्या?

दरअसल सोशल मीडिया अब कमलनाथ के लिए परेशानी खड़े करने लगी है. सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार संभालने वाली टीम कमलनाथ ने एक पोस्ट वायरल किया है.

इसी पोस्ट के बाद मध्यप्रदेश से लेकर देश विदेश में रहने वाले सिखों के बीच बवाल मच गया है. आखिर इस पोस्ट में है क्या? आखिर सिख क्यूं कमलनाथ से अचानक नाराज हो गए? आखिर कमलनाथ व कांग्रेस को क्यूंकर सफाई देनी पड़ रही है? आखिर क्यूं मामला थाने तक पहुंच गया है?

तो लीजिए हम आपको बताते हैं कि कमलनाथ को लेकर सोशल मीडिया में एक पोस्ट किया गया है जिसमें उन्हें गुरू गोविंद सिंह के समकक्ष ठहराया गया है. इस पोस्ट में कमलनाथ की तस्वीर लगाकर लिखा गया है कि :

सवा लाख से एक लड़ाऊं,
चिडिय़न ते मैं बाज उड़ाऊं,
तबे कमलनाथ नाम कहाऊं…

इस तरह की पोस्ट के वायरल होते ही दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के कुछ सदस्य हरकत में आए. पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके, पूर्व वरिष्ट उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह भोगल नॉर्थ एवेन्यू थाने पहुंचे.

इनकी ओर से जो शिकायत दर्ज कराई गई है उसमें लिखा गया है कि कमलनाथ के फेसबुक पेज पर गुरूवाणी तोड़ मरोड़ कर लिखी गई है. जीके और भोगल बताते हैं कि कमलनाथ ने एक तरह से गुरू गोविंद सिंह की बराबरी की कोशिश की है.

इस पर सिख समाज को उनके प्रति नाराज जताया गया है. जैसे ही समाज की नाराजगी की खबर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के कानों तक पहुंची वैसे ही उन्होंने अपनी ओर से स्पष्टीकरण जारी कर दिया. इसमें उन्होंने सिख समाज की गुरूवाणी को लेकर की गई फेसबुक पोस्ट को पूरी तरह से फर्जी करार दिया है.

उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर कमलनाथ का प्रचार प्रसार करने वाली सबसे बड़ी एजेंसी टीम कमलनाथ ही है. जय जय कमलनाथ का नारा इसी टीम की दिमागी उपज थी. इसी टीम ने कमलनाथ को महान राजा व देवतुल्य बताया था.

मप्र की राजनीति से जुड़ी खबरों की अंदर तक खबर रखने वाले बताते हैं कि टीम कमलनाथ दरअसल प्रदेश मुख्यमंत्री कमलनाथ की प्राइवेट टीम है.

निजी टीम होने के बावजूद इसे सरकारी सुविधाएं भी दी जा रही है. यह टीम सरकारी एमएलए रेस्टहाऊस से सोशल मीडिया अभियानों का संचालन कर रही है.

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