मप्र से वापस नहीं जा रहे छग के हाथी

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उमरिया.

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) में छत्तीसगढ़ से आए हुए 38 हाथी पिछले आठ महीने से डटे हुए हैं. हाथियों की मौजूदगी के चलते पिछले कुछ समय से कुछ जगहों पर यहां आने वाले पर्यटकों को आने जाने से रोका गया है.

बताया जाता है कि ये हाथी छत्तीसगढ़ से अलग अलग झुंड में आए हुए हैं. बीटीआर में पहली झुंड में 27 हाथी पहुंचे थे.

दूसरी झुंड छत्तीसगढ़ से 11 हाथियों को लेकर पहुंची. बीटीआर के जंगल में ही 2 बच्चे पैदा हुए. माना जा रहा है कि हाथियों को यहां का मौसम कुछ ज्यादा ही पसंद आने लगा है.

बांस की पत्तियां खाना पसंद
हाथियों को बांस की पत्तियां खाना बेहद पसंद होता है. बीटीआर में ज्यादातर जगहों पर बांस का जंगल है. संभवत: इसी के चलते हाथी यही डटे हुए हैं.

बीटीआर के खेतोली क्षेत्र में 30 हाथी घूमते पाए गए हैं. जबकि 10 हाथियों के झुंड को पनपथा के जंगल में घूमते फिरते देखा गया है.

अब इनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी उठाने की वन विभाग सोच रहा है. शहडोल सर्किल के सीसीएफ एके जोशी के अनुसार इसमें पश्चिम बंगाल के वन अफसरों की मदद ली जाएगी.

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