ई-टेंडर घोटाला : पांच के खिलाफ छ: को चालान

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भोपाल.

पांच आरोपियों के खिलाफ 6 जुलाई को प्रदेश की ईओडब्ल्यू कोर्ट में चालान प्रस्तुत करेगी. इन पर हजारों करोड़ों रूपए के ई टेंडर घोटाले में शामिल होने का आरोप है.

उल्लेखनीय है कि 10 अप्रैल को ईओडब्ल्यू ने मंत्री-ब्यूरोक्रेट सहित सात कंपनियों के संचालकों पर एफआईआर दर्ज की थी. दो दिन बाद ही मामले में गिरफ्तारी का सिलसिला प्रारंभ हो गया था.

ऑस्मो सॉल्यूशन कंपनी के तीन निदेशक विनय चौधरी, वरूण चतुर्वेदी, सुमीत गोलवलकर, माइलस्टोन कंपनी के संचालक मनीष खरे सहित बैंगलुरू की एंट्रेंस कंपनी के वाइस प्रेसिडेंस मनोहर एमएन मामले के आरोपी बनाए गए हैं.

एमपीएसईडीसी के नोडल अफसर नंदकिशोर ब्रम्हो के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति ईओडब्ल्यू ने मांगी है. सेंट्रल जेल में बंद आरोपियों में से मनीष को छोड़कर अन्य की जमानत अर्जी हाई कोर्ट खारिज कर चुका है.

मनोहर और मनीष को छोड़कर अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के नब्बे दिन पूरे होने को आए हैं. इसके चलते जांच एजेंसी को चालान प्रस्तुत करना जरूरी है. 6 जुलाई को अब स्पेशल कोर्ट में ईओडब्ल्यू चालान प्रस्तुत करने जा रही है.

ई प्रोक्योरमेंट पोर्टल के सर्वर के मेंटेनेंस, नेटवर्किंग और हेल्पडेस्क सहित ज्यादातर काम बैंगलुरू की एंट्रेंस प्राइवेट लिमिटेड सहित टीसीएस के पास था.

एंट्रेंस को मध्यप्रदेश ई प्रोक्योरमेंट के डाटा को सुरक्षित नहीं रखने का आरोपी पाया गया है. उस पर यह भी आरोप है कि उसने गोपनीयता भंग की है.

एंट्रेंस कंपनी के पदाधिकारियों ने ऑस्मो कंपनी के निदेशकों विनय चौधरी, वरूण चतुर्वेदी, सुमीत गोलवलकर को ई प्रोक्योरमेंट पोर्टल की यूजर आईडी व पासवर्ड की जानकारी दी थी.

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