छुट्टी पर जाने वाले आईएएस-आईपीएस पर खुफिया नज़र

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छत्तीसगढ़ में पंद्रह साल से चला आ रहा कमलराज खत्म हो गया. पंजे ने कमल को तकरीबन उखाड़ फेंका. अब पंजा अधिकारियों पर मारने की तैयारी की जा रही है.

उन अफसरों पर सरकार की खुफिया नजर है जो कि बार बार एक से दो दिन की छुट्टी लेकर प्रदेश से बाहर जाना आना करते हैं.

इसके क्या कारण हो सकते हैं? कौन कौन अफसर अमूमन छुट्टी लेकर प्रदेश से बाहर जाते हैं? यदि छुट्टी नहीं मिलती है तो शासकीय दौरा क्यों और कैसे बनाया जाता है इस पर भी निगाह लगी हुई है.

दरअसल मामला जो बताया जा रहा है वो बेहद गंभीर है. जनचर्चा के मुताबिक हर दो तीन महीने के दौरान या तो निजी कार्य से अथवा शासकीय कार्य से प्रदेश के बाहर जाने वाले आईएएस – आईपीएस -आईएफएस, बड़े विभागों के इंजीनियर सरीखे अधिकारी इसमें शामिल बताए जाते हैं.

जनचर्चा तो यह भी कहती है कि ऐसे अफसर अपनी काली कमाई को सफेद करने ठिकाने लगाने की जुगत में बाहर प्रवास पर जाते हैं. मतलब छत्तीसगढ़ से कमाई करो और उसे बाहर लगा दो.

जनचर्चा बताती है कि इस तरह के अफसरों में आधा दर्जन आईएएस सहित तकरीबन आठ-दस आईपीएस के अलावा कुछ आईएफएस व इंजीनियर के नाम प्रमुख तौर पर सामने आते हैं.

इन अफसरों के द्वारा किस तरह पैसा बाहर पहुंचाया जा रहा है इस पर भी निगाह लगी हुई है. जनचर्चा अनुसार ऐसे आईएएस-आईपीएस अफसर अमूमन अपने साथ वर्दीधारी स्टॉफ को साथ लेकर चलते हैं.

बताया जाता है कि इधर फ्लाईट से अफसर दिल्ली अथवा किसी और ठिकाने पहुंचते हैं और उधर उनका वर्दीधारी सेवक किसी सुपरफास्ट ट्रेन से बड़ी बड़ी अटैचियों को लेकर वहां पहुंचता है जहां अफसर ने उसे आने कहा था.

जिस जगह पर आने की बात कही गई थी उस जगह पर पहुंचने के साथ ही वर्दीधारी सेवक से उन अटैचियों को या तो अफसर या फिर उनका मध्यस्थ आदमी कलेक्ट कर लेता है. मध्यस्थता भी ऐसे लोगों को दी गई है जो कि विश्वास के हों, घर के हों.

अब देखिए न एक अफसर ने अपने साले के नाम पर इंवेस्ट कर रखा है. एक और अफसर है जो कि पिता के नाम पर संपत्ति अर्जित किए जा रहा है. एक अफसर ने तो बकायदा भाई बंध, साले सालियों और उनकी ससुराल के नाम से मोटा माल खपाया है.

इन सब पर पंजा मारने की तैयारी है. सरकार खुफिया तौर तरीके से जानकारी एकत्र कर रही है. यदि सरकार ने गंभीरतापूर्वक बाहर आने जाने वाले अधिकारियों पर नकेल कस ली तो छत्तीसगढ़ वास्तव में चमन हो जाएगा.

लेकिन जनचर्चा में सवाल उठता है कि क्या वाकई ऐसा हो पाएगा?

यक्ष प्रश्र

उस आईपीएस अफसर का नाम बताइए जिसकी यूपी-बिहार के सितारा होटल में पार्टनरशिप है?

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