EXCLUSIVE : एसआईटी के सामने मंतूराम ने कबूला, मैं अनीस से मिला पर पुनीत से नहीं

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नेशन अलर्ट, 97706-56789.
रायपुर.

अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव के मुख्यपात्र रहे मंतूराम पवार ने आज एसआईटी के सामने हाजिरी लगाई. उपचुनाव में खरीद फरोख्त के कथित आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, अमित जोगी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, उनके दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता, फिरोज सिद्दिकी और अनीस मेमन की भूमिका को लेकर सवाल दागे गए.

मंतूराम पवार की मानें तो लगभग आधे घंटे चली पूछताछ में एसआईटी के पास सवालों की कमी थी. वे कहते हैं कि उनसे चंद सवाल ही पूछे गए जिसके जवाब देने के बाद एसआईटी टीम भी चुप हो गई.

एसआईटी ने लेन-देन को लेकर क्या सवाल पूछे? यह सवाल पर मंतूराम कहते हैं, मैंने स्पष्ट कहा है मैंने पैसे नहीं लिए हैं. जिसने लिए हैं और जिसने दिए हैं यह वह जाने.

“नेशन अलर्ट” से बातचीत में उन्होंने बताया कि मामले से संबंधित लोगों की भूमिकाओं को लेकर उनसे सवाल किया गया. मंतूराम कहते हैं मुझसे फिरोज सिद्दिकी, पुनीत गुप्ता से संबंध और मुलाकातों से जुड़े सवाल किए गए.

उन्होंने बताया कि मैं फिरोज को तो जानता हूं, मिला हूं लेकिन पुनीत गुप्ता को मैं सिर्फ नाम से बतौर पूर्व मुख्यमंत्री के दामाद के तौर पर जानता हूं. मेरी उनसे कभी मुलाकात नहीं हुई.

मंतूराम ने अनीस मेमन से मेल-मुलाकात के संबंध में कहा कि दरअसल वह मेरे ससुराल केशकाल का रहने वाला है. पार्टी से जुड़ा रहा है. इस नाते मेरी मेल-मुलाकात उससे होती रही है.

जानकारी देने गया था

जब उनसे पूछा गया कि आखिर वो क्यूं पूछताछ से पहले डॉ. रमन सिंह से मिलने पहुंचे थे तो उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व को जानकारी देना जरुरी है. इसी के नाते में डॉ. सिंह से मिलने गया था.

रपट तो मैंने भी लिखाई थी

अजीत जोगी की याचिका पर इंडियन एक्सप्रेस समूह के खिलाफ मुकदमा दायर होने के बाद समूह से जुड़े लोगों को नोटिस जारी की गई है. इस पर मंतूरात कहते हैं कि मामले पर तो मैंने भी 31 जनवरी 2016 को पुलिस में रपट दर्ज कराई थी लेकिन इस पर कोई कार्रवाई ही नहीं हुई.

मुझसे सवाल ही नहीं कर पाए

एसआईटी की जांच शैली को मंतूराम ने आड़े हाथों लिया है. उनका मानना है कि इस टीम के पास मामले से जुड़े सबूत हैं ही नहीं और न ही उनके पास जांच आगे बढ़ाने के लिए सवाल हैं.

वे कहते हैं, मैंने उनके सवालों के जवाब आधे घंटे के भीतर दे दिए. लेकिन मेरे जवाबों के बाद पूछने के लिए उनके पास सवाल नहीं थे. बमुश्किल तीन सवालों के लिए मुझे बुलाया गया था. ऐसे में आप समझ सकते हैं कि यह जांच किस लिए की जा रही है.

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