मय परिवार ज्‍योतिरादित्‍य को हाईकोर्ट ने थमाई नोटिस

शेयर करें...

नेशन अलर्ट/www.nationalert.in
ग्‍वालियर। मध्‍यप्रदेश उच्‍च न्‍यायालय की ग्‍वालियर खंडपीठ ने केंद्रीय विमानन मंत्री ज्‍योतिरादित्‍स सिंधिया को पूरे परिवार सहित नोटिस थमाई है। ज्‍योतिरादित्‍य सहित उनकी मां माधवी राजे सिंधिया, पत्‍नी प्रियदर्शनी राजे और पुत्र महान आर्यमन से भी जवाब तलब किया गया है।

दरअसल, मामला एजी ऑफिस पुल की जमीन से जुड़ा हुआ है। इस मामले में सिंधिया परिवार ने जमीन को कमला राजे चैरिटेबल ट्रस्‍ट के होने का दावा किया था। ट्रस्‍ट की जमीन पर पुल के निर्माण पर उन्‍होंने 7 करोड़ सहित 12 प्रतिशत ब्‍याज के साथ मुआवजे की मांग राज्‍य सरकार से की थी।

स्‍टे कर दिया
बताया जाता है कि निचली अदालत ने कई मर्तबा राज्‍य सरकार से पूरे प्रकरण को लेकर जवाब मांगा था लेकिन उसे कोई जवाब सरकार की ओर से प्रस्‍तुत नहीं किया गया। अंतत: थक हारकर विगत 17 जुलाई को राज्‍य सरकार से जवाब प्रस्‍तुत करने का अधिकार निचली अदालत ने छिन लिया था।

निचली अदालत के इस आदेश पर राज्‍य सरकार हाईकोर्ट अपील लेकर आई थी। इस पर निचली अदालत के आदेश पर स्‍टे जारी करने के साथ ही सिंधिया परिवार को नोटिस भी अलग से दे दी गई है। अब सिंधिया परिवार को नोटिस का जवाब देना होगा।

अधिवक्‍त अवधेश तोमर बताते हैं कि सिंधिया परिवार जमीन को ट्रस्‍ट की बताते रहा है जबकि सर्वे नंबर 1071, 1072 और 1073 को निसल बंदोबस्‍त में लोक निर्माण विभाग की जमीन के रूप में उल्‍लेखित किया गया है। पक्षकार संकेत साहू मामले को लेकर कोर्ट पहुंचे थे।

संकेत की ओर से आवेदन प्रस्‍तुत करके अवधेश तोमर ने बताया कि सिंधिया परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए राज्‍य सरकार जानबूझ कर जवाब ही प्रस्‍तुत नहीं कर रही है। पिछली सुनवाई में निचली कोर्ट ने सरकार को पक्षकार मानने से इंकार कर लिया था।

जवाब देने का अधिकार समाप्‍त होने की जानकारी मिलते ही ग्‍वालियर कलेक्‍टर ने सरकार का पक्ष न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया लेकिन निचली अदालत ने उसे मानने से इंकार कर दिया। इस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। अब सिंधिया परिवार को मिली नोटिस पर उसे हाईकोर्ट की ग्‍वालियर खंडपीठ को जवाब देना होगा।

avdheshtomargwaliarJyotiraditya sindhiyamadhvi rajemahan aaryamanpriyadarshni rajesanket sahu
Comments (0)
Add Comment