राजनांदगांव का मुद्दा : गाहे-बेगाहे क्‍यूं गुल हो रही शहर में बिजली!… डीई आलोक दुबे कहतें हैं – लाईन में डिस्‍टर्बेंस नहीं.. बंदर – पेड़ों को जिम्‍मेदार ठहरा रहा अमला

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राजनांदगांव | nationalert.in

बीते कुछ दिनों से राजनांदगांव शहर के अलग-अलग हिस्‍सों में और कई दफा एक साथ बिजली गुल हो रही है। बेमौसम बारिश का दौर शुरु होने के बाद से कभी 10 मिनट तो कभी आधे घंटे से ज्‍यादा तक के समय के लिए बिजली गुल हो जाती है। हल्‍की हवा चलने पर हालात ऐसे ही बन जाते हैं… शहरवासी यही कह रहे हैं।

शिकायतें मिलती है कि… इस दौरान छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कम्पनी मर्यादित से नागरिकों को सही जवाब नहीं मिल पाता। मसलन… बिजली कब आएगी और क्‍यूं गई है ? यह भी कि विभागीय कर्मचारी-अफसर फोन पर उपलब्‍ध ही नहीं होते। सोशल मीडिया पर लगातार यह देखने को मिलता है।

दूसरी ओर, विद्युत अमला इस बात को नकार रहा है कि शहर में बिजली गुल हो रही है या लाईन में किसी तरह का डिस्‍टर्बेंस हैं। अलबत्‍ता वे इसके पीछे दूसरे ही कारण को जिम्‍मेदार बता रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में बिजली व्‍यवस्‍था को छोड़कर शहर में विद्युत प्रवाह सुचारु रुप से जारी होने का दावा डीई आलोक दुबे ने किया है।

सीएसपीडीसीएल के डीई आलोक दुबे कहते हैं… शहर में विद्युत व्‍यवस्‍था में किसी तरह का अवरोध नहीं आ रहा है। बिजली गुल हो रही है जैसी शिकायतें भी हमें नहीं मिली है। हां.. शहर में कुछ जगहों पर पेड़ और बंदरों के चलते परेशानी जरुर आ रही है।

उन्‍होंने कहा कि – पिछले दिनों कामठी लाईन में बंदर तार से चिपक गया। उसे बंदरों ने घेर रखा था। काफी मशक्‍कत के बाद उसे तार से निकाला गया और विद्युत व्‍यवस्‍था बहाल हुई। कलेक्‍टोरेट के पीछे, तुलसीपुर, ममतानगर, वर्धमान नगर, शक्ति नगर जैसे इलाकों में भी पेड़ काफी हैं। यहां भी इस तरह की दिक्‍कतें आती हैं।

दुबे ने कहा कि – राजनांदगांव के ग्रामीण इलाकों में खेतों से गुजरी लाईनों को देखना होता है। यहां खंभे गिरने, तार टूटने या दूसरी समस्‍याएं आती हैं जिसके लिए सर्वे करवाया जाता है।

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