सीएम-एचएम के गृह जिले के एसपी के खिलाफ खोला मोर्चा

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नेशन अलर्ट/रायपुर.

छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री और गृह मंत्री के गृह जिले दुर्ग के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के खिलाफ एक तरह से व्‍यापारियों ने मोर्चा खोल दिया है। व्‍यापारियों की नाराजगी पुलिस से हुए एक विवाद के बाद उभरी है। हालांकि मामले में टीआई विशाल सोन को निलंबित कर लाइन अटैच कर दिया गया है लेकिन व्‍यापारी पुलिस अधीक्षक हटाने की मांग कर रहे हैं।

मामला 15 सितंबर को जवाहर मार्केट स्थित कपड़ा दुकान में आग लगने से जुड़ा हुआ है। पावरहाऊस अंतर्गत जवाहर मार्केट आता है। जवाहर मार्केट व्‍यापारी संघ के अध्‍यक्ष गुरमीत बाधवा आगजनी की घटना को लेकर छावनी पुलिस पर बरसते हैं। बाधवा के शब्‍दों में एक माह पूर्व ही छावनी पुलिस को एसपी के नाम ज्ञापन सौंपने व्‍यापारी थाने पहुंचे थे। व्‍यापारियों की मांग थी कि मार्केट एरिया से किसी भी जुलूस अथवा झांकी को निकाला न जाए और क्षेत्र में पुलिस की तैनाती कर दी जाए।

वे बताते हैं कि थाना प्रभारी विशाल सोन ने उस दौरान ज्ञापन लेने से साफ इनकार कर दिया था। उनका तब यह कहना था कि ये काम पुलिस का नहीं है। इसके बावजूद कपड़ा दुकान में आग लगने के बाद टीआई विशाल सोन खुद ही व्‍यापारियों से उलझ गए थे। मामला इतना गंभीर हो चला था कि शिकवा शिकायत गृहमंत्री-मुख्‍यमंत्री तक पहुंचाई गई थी।

पदोन्‍नति के पहले निपटे

बाधवा बताते हैं कि आगजनी की घटना के बाद दूसरे दिन जवाहर मार्केट के सभी व्‍यापारियों ने अपनी दुकानों को बंद कर दिया था। हालांकि दुकानें कुछ ही घंटे बंद रही थी लेकिन व्‍यापारी छावनी पुलिस के रवैये से इस कदर नाराज थे कि वह कार्यवाही चाहते थे। चूंकि मामला मुख्‍यमंत्री के संज्ञान में लाया गया था इसकारण जिले के पुलिस कप्‍तान डॉ.अभिषेक पल्‍लव भी कार्यवाही करने मजबूर हो गए थे।

एसपी डॉ.पल्‍लव ने नगर निरीक्षक विशाल सोन को निलंबित कर पुलिस लाइन अटैच कर दिया है। विशाल सोन का कहना है कि घटना की रात वह अपने स्‍टॉफ के साथ घटनास्‍थल पर मौजूद थे। स्‍टॉफ के सदस्‍य आग बुझाने में लगे हुए थे। टीआई के शब्‍दों में उन्‍होंने ही फायरब्रिगेड को फोन कर बुलवाया था। असहयोग की बात पूरी तरह से गलत है।

व्‍यापारी संघ ने दुर्ग एसपी को भी हटाने की मांग मुख्‍यमंत्री से की है ऐसा पता चला है। फिलहाल इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है। इधर छावनी टीआई विशाल सोन जिनकी दो माह बाद पदोन्‍नति तय थी वह निलंबित होने के बाद खटाई में पड़ गई है। जब तक मामले की जांच चलेगी तब तक उनका नाम टीआई से डीएसपी के पद पर नियमानुसार प्रमोट होने में लंबित रहेगा।

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